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जितना भारतीय पेरेंट्स ने विदेशी शिक्षा पर खर्च किया, उतनें में यहां दर्जनों IIT तैयार हो जाते- रिपोर्ट

पिछले 10 सालों में भारतीयों ने विदेश में पढ़ाई के लिए ₹1.76 लाख करोड़ खर्च किए, जो सरकार के वार्षिक उच्च शिक्षा बजट से तीन गुना से भी अधिक है. आरबीआई के आंकड़े बताते हैं कि यह रकम 2014 से 2024 के बीच भेजी गई है और इसमें लगभग 1200% की वृद्धि हुई है. सिर्फ 2024 में ही ₹29,000 करोड़ विदेश भेजे गए. विशेषज्ञों के अनुसार, इस रकम से देश में लगभग 62 आईआईटी बनाए जा सकते थे.

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भारतीयों ने पिछले 10 वर्षों में विदेशों में पढ़ रहे छात्रों की शिक्षा के लिए ₹1.76 लाख करोड़ की भारी राशि विदेश भेजी है. (Photo: IIT Roorkee)
भारतीयों ने पिछले 10 वर्षों में विदेशों में पढ़ रहे छात्रों की शिक्षा के लिए ₹1.76 लाख करोड़ की भारी राशि विदेश भेजी है. (Photo: IIT Roorkee)

इंडिया टुडे द्वारा दायर सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत पूछे गए एक सवाल के जवाब में भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, भारतीयों ने पिछले 10 वर्षों में विदेशों में पढ़ रहे छात्रों की शिक्षा के लिए ₹1.76 लाख करोड़ की भारी राशि विदेश भेजी है।

पिछले 10 सालों में भारतीयों ने विदेश में शिक्षा के लिए जितना खर्चा किया है, उतनी रकम में भारत में दर्जनों आईआईटी खोले जा सकते थे. इंडिया टुडे द्वारा दायर सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत पूछे गए एक सवाल के जवाब में भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने इस बात का खुलासा किया है. RBI के अनुसार, भारतीयों ने पिछले 10 वर्षों में विदेशों में पढ़ रहे छात्रों की शिक्षा के लिए ₹1.76 लाख करोड़ की भारी राशि विदेश भेजी है.

10 सालों में विदेश भेजी जाने वाली राशि में 1200% की वृद्धि

यह राशि 2014 से 2024 के बीच भेजी गई है. साल 2024 में ही 29 हजार करोड़ रुपये विदेशी शिक्षा पर खर्च किए गए हैं. एक दशक पहले, शिक्षा के लिए सालभर में केवल ₹2,429 करोड़ खर्च किए जाते थे, जो पिछले दस वर्षों में सबसे कम थी. यानी पिछले 10 सालों में इसमें 1200 प्रतिशत वृद्धि हुई है. आरबीआई द्वारा प्रदान की गई जानकारी अमेरिकी डॉलर में थी और वर्तमान विनिमय दर का उपयोग करके आंकड़ों को रुपये में परिवर्तित किया गया था.

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विदेश जाने वाले छात्रों की संख्या में गिरावट

2024 में, पढ़ाई के लिए विदेश जाने वाले भारतीयों की संख्या में 15% की गिरावट आई है क्योंकि दुनियाभर के देशों ने वीजा नियमों को सख्त कर दिया है. इस साल मार्च में लोकसभा में सरकार द्वारा दिए गए एक जवाब के अनुसार, ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन (BoI) के आंकड़ों के आधार पर, 2024 में 7,59,064 छात्र पढ़ाई के लिए विदेश गए. यह 2023 में 8,92,989 से कम है, लेकिन 2022 के 7,50,365 से थोड़ा अधिक है.

एक IIT बनाने में आता है इतने करोड़ का खर्चा

ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन (BoI) के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में विदेश पढ़ाई के लिए जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या 7,59,064 रही, जो 2019 के महामारी से पहले के 5,86,337 छात्रों से काफी अधिक है. आंकड़े यह भी बताते हैं कि पिछले एक दशक में विदेशी शिक्षा पर भारतीयों ने ₹1.76 लाख करोड़ खर्च किए. 2014 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बनाने की लागत ₹1,750 करोड़ थी, जो 2025 में महंगाई के समायोजन के बाद बढ़कर ₹2,823 करोड़ हो जाएगी.

62 आईआईटी बन सकते थे

इस आधार पर, पिछले दस वर्षों में विदेश भेजी गई राशि से करीब 62 IIT स्थापित किए जा सकते थे, जबकि 2024 में ही भेजी गई ₹29,000 करोड़ की रकम से 10 से ज्यादा IIT खोले जा सकते थे. ये आंकड़े दिखाते हैं कि अगर इतना निवेश देश में उच्च शिक्षा पर होता, तो भारत में ही छात्रों के लिए बेहतर अवसर तैयार किए जा सकते थे.

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सरकार ने जितना शिक्षा पर खर्च किया, उससे ज्यादा विदेशी शिक्षा पर खर्चा हुआ

2025-26 में उच्च शिक्षा विभाग को केंद्र सरकार ने 50,077.95 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, जो 2024-25 के ₹46,482.35 करोड़ से लगभग 8% ज्यादा हैं. फिर भी, यह बात भारतीयों द्वारा विदेश में शिक्षा पर किए जाने वाले खर्च से कम है. पिछले साल ही, छात्रों ने पढ़ाई के लिए विदेश में ₹29,000 करोड़ से अधिक राशि भेजी और पिछले एक दशक में, यह कुल राशि ₹1.76 लाख करोड़ तक पहुंच गई है, जो सरकार के संपूर्ण वार्षिक उच्च शिक्षा बजट से तीन गुना से भी अधिक है.

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