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India Today Education Summit: के कस्तूरीरंगन से जानिए, NEP में 10+2 की जगह 5+3+3+4 का मतलब

India Today Education Summit 2020: ड्राफ्ट एजुकेशन पॉलिसी समिति के चेयरमैन के कस्‍तूरीरंगन ने समझाया कि क्या सोचकर 10+2 की जगह 5+3+3+4 सिस्टम रखा गया है. उन्होंने कहा कि ये नई व्यवस्था पूरी तरह साइंटिफिक अंडरस्टेडिंग के अनुसार बच्चे की लर्निंग डिक्शनरी बेस पर आधारित है. 

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education summit 2020 live updates: के कस्‍तूरीरंगन, चेयरमैन, ड्राफ्ट एजुकेशन पॉलिसी समिति
education summit 2020 live updates: के कस्‍तूरीरंगन, चेयरमैन, ड्राफ्ट एजुकेशन पॉलिसी समिति

India Today Education Summit 2020: इंडिया टुडे ग्रुप की ओर से आयोजित India Today Education Summit 2020 में ड्राफ्ट एजुकेशन पॉलिसी समिति के चेयरमैन के कस्‍तूरीरंगन ने 10+2 की जगह 5+3+3+4 पैटर्न का वैज्ञानिक महत्व बताया. 

जाने माने शिक्षा विज्ञानी और ड्राफ्ट एजुकेशन पॉलिसी समिति के चेयरमैन के कस्‍तूरीरंगन ने India Today ग्रुप के ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्‍टर (पब्लिशिंग) राज चेंगप्‍पा के साथ बातचीत में समझाया कि क्या सोचकर 10+2 की जगह 5+3+3+4 सिस्टम रखा गया है. उन्होंने कहा कि ये नई व्यवस्था पूरी तरह साइंटिफिक अंडरस्टेडिंग के अनुसार बच्चे की लर्निंग डिक्शनरी बेस पर आधारित है. 

उन्होंने कहा कि सबसे पहले पांच का मतलब समझिए, ये पांच है पांच साल. यानी तीन साल से आठ साल की उम्र के दौरान पांच साल की उम्र. वैज्ञानिक आधार पर इस उम्र में बच्चे पर्सेप्शनल, कॉन्सेप्शनल और प्रिस्क्र‍िप्ट‍िव तरीके से चीजों को समझते हैं. उन्होंने कहा कि 3 से आठ साल की उम्र में दिमाग का विकास तेजी से होता है. इस उम्र में हम बच्चों का पांच साल का करीकुलम प्ले और एक्ट‍िविटी बेस्ड डिजाइन करेंगे. 

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नेशनल एजुकशनल पॉलिसी का क्लीयर गोल है कि इस उम्र में फाउंडेशनल लिट्रेसी जरूरी होती है. इसके बाद 5+3+3 यानी 11 साल की उम्र तक वो एज होती है जब बच्चे तीन भाषाएं आसानी से सीख सकते हैं. फिर नौ से 11 साल की उम्र में आंसर टू स्ट्रक्चरल लर्निंग की तरफ बढ़ना चाहिए. इसके बाद 12 से 14 साल की उम्र वो उम्र होती है जब बच्चे को अब्स्ट्रैक्ट आंसर बताए जाने चाहिए. गणित- साइंस को पूरे विस्तार से समझने की ये उम्र हेाती है. 

अब 14 से 18 साल की उम्र में ब्रेन डेवलप होने के बाद बच्चों की च्वाइस के हिसाब से उन्हें वोकेशनल स्टडी देनी चाहिए. इस तरह 15 साल तक शिक्षा उन्हें पूरी तरह तैयार कर देती है ये चुनने के लिए उन्हें भविष्य में आगे किस दिशा में बढ़ना है. समिट में नई शिक्षा नीति और उससे होने जा रहे बदलावों पर विचार रखे जा रहे हैं. साथ ही इसे लागू करने के रोडमैप पर भी चर्चा की जा रही हैैै

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समिट में शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, ड्राफ्ट एजुकेशन पॉलिसी समिति के चेयरमैन के कस्‍तूरीरंगन के अलावा डिपार्टमेंट ऑफ स्‍कूल एजुकेशन एंड लिट्रेसी तथा डिपार्टमेंट ऑफ हॉयर एजुकेशन के सेक्रेटरी अमित खरे ने अपनी राय रखी. अभी प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन की CEO डॉ रुक्‍मणि बनर्जी, वसंत वैली स्‍कूल की प्रिंसिपल रेखा कृष्‍णन, शिक्षा संस्‍कृति उत्‍थान न्‍यास के सेक्रेटरी अतुल कोठारी, DU के पूर्व वाइस चांसलर प्रोफेसर दिनेश सिंह, JNU के वाइस चांसलर प्रोफेसर एम जगदीश कुमार, IIT दिल्‍ली के डायरेक्‍टर प्रोफेसर वी रामगोपाल राव तथा अन्‍य हस्तियों के संबोधन होंगे. 

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India Today Education Summit 2020 में केन्‍द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने खास बिंदु रखे. उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि देशभर में इसे लेकर आजादी के बाद खुशी का माहौल है. लोगों में इसका व्यापक असर पड़ा है. न सिर्फ भारत बल्क‍ि दुनिया के तमाम देश इसे लागू करने की इच्छा व्यक्त कर रहे हैं. वो इसे लागू करने का मन बना रहे हैं. 

अब 10+2  की जगह हम इसे 5+3+3+4 लाए हैं. जो राज्य चाहते हैं कि वो अपनी भाषा में शिक्षा देना चाहते हैं, वो ऐसा कर सकते हैं. प्रधानमंत्री जी ने भी इसके लिए कहा है कि इसमें कोई दिक्कत नहीं. जहां हम मातृभाषा में शिक्षा देंगे. वहीं 22 भारतीय सशक्त भाषाओं में उसमें वो अपना अध्ययन कर सकेगा. इसके बाद जिस तरह से हम वोकेशनल स्टडीज को इंटर्नशिप के साथ लाए हैं. 

 

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