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IIT द‍िल्ली ने जारी किया UG-PG-PhD का र‍िवाइज्ड करीकुलम, 10 साल बाद हुआ चेंज, जान‍िए- नया क्या है?

IIT दिल्ली हर दस साल में अपने पाठ्यक्रम की समीक्षा करता है. इस बार 2022 में शुरू हुई यह प्रक्रिया 2025-26 से हकीकत बनने जा रही है. हजारों छात्रों, पूर्व छात्रों और उद्योग विशेषज्ञों से फीडबैक लिया गया था. हर विभाग ने सैकड़ों लोगों की राय लेकर इस पाठ्यक्रम को तैयार किया है. जान‍िए- पूरी डिटेल.

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IIT Delhi
IIT Delhi

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली एक बार फिर सुर्खियों में है. इस बार ये अपने नए और क्रांतिकारी पाठ्यक्रम यानी करिकुलम को लेकर चर्चा में है जो 2025-26 सत्र से लागू होगा. बता दें कि IIT दिल्ली ने अपने स्नातक (UG), स्नातकोत्तर (PG) और पीएचडी पाठ्यक्रमों को पूरी तरह से बदल दिया है. नया पाठ्यक्रम लचीलापन, प्रैक्टिकल लर्निंग, एन्वायरमेंट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे उभरते ट्रेंड्स पर आधारित है. जानते हैं कि कैसे यह नया पाठ्यक्रम छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करेगा और क्या-क्या खास है इसमें. 

12 साल बाद बदला गया पाठ्यक्रम 

IIT दिल्ली हर दस साल में अपने पाठ्यक्रम की समीक्षा करता है और इस बार 2022 में शुरू हुई यह प्रक्रिया 2025-26 से लागू हो रही है.  संस्थान ने इसके लिए हजारों छात्रों, पूर्व छात्रों और उद्योग विशेषज्ञों से राय ली गई है. हर विभाग ने सैकड़ों लोगों से फीडबैक लेकर इस पाठ्यक्रम को तैयार किया है. इसका मकसद है छात्रों पर पढ़ाई का बोझ कम करना और उन्हें उद्योग जगत की मांगों के लिए तैयार करना.  IIT दिल्ली के निदेशक प्रो. रंगन बनर्जी का कहना है कि हमने अपने पाठ्यक्रम को पूरी तरह से बदला है ताकि हमारे छात्र भविष्य के लिए तैयार हों. यह नया पाठ्यक्रम लचीलापन और प्रैक्टिकल लर्निंग देता है, जो छात्रों को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा. 

क्या है नया और खास?

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लचीलापन और पसंद की आजादी
नया पाठ्यक्रम छात्रों को अपनी पसंद के हिसाब से जनरल इंजीनियरिंग, बेसिक साइंसेज और ह्यूमैनिटीज के कोर्स चुनने की आजादी देता है. अब छात्र माइनर डिग्री या किसी खास क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं. खास बात यह है कि B.Tech डिग्री के साथ एक ऑनर्स प्रोग्राम भी जोड़ा गया है. साथ ही, तीसरे साल के अंत में छात्र M.Tech प्रोग्राम के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिससे वे पांच साल में बैचलर और मास्टर दोनों डिग्रियां ले सकते हैं. 

AI और प्रैक्टिकल लर्निंग का जोर
पाठ्यक्रम में AI-बेस्ड कोड जेनरेटर्स को प्रोग्रामिंग के शुरुआती कोर्स में शामिल किया गया है. इसका मतलब है कि छात्रों को AI का जिम्मेदारी से इस्तेमाल करना सिखाया जाएगा ताकि वे कम समय में जटिल प्रोग्राम लिख सकें. अब पहले साल से ही छात्रों को अपने विभाग से जुड़ने का मौका मिलेगा. ज्यादातर कोर्स में लैब और ट्यूटोरियल शामिल होंगे, ताकि छात्र प्रोफेसरों के साथ गहराई से सीख सकें. 

पर्यावरण और नैतिकता पर फोकस
पर्यावरण, टिकाऊपन, क्रिएटिव एक्सप्रेशन और नैतिक सोच को कई कोर्स में जोड़ा गया है. इससे छात्र ग्लोबल चुनौतियों जैसे जलवायु परिवर्तन के लिए तैयार होंगे. पहले साल के सभी कोर्स अब छोटी कक्षाओं में होंगे, ताकि सीखने का अनुभव और बेहतर हो. 

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नए प्रोग्राम्स की शुरुआत  
B.Tech in Design: JEE (Advanced) और UCEED के जरिए प्रवेश
BS in Chemistry: IIT दिल्ली का पहला BS प्रोग्राम, JEE (Advanced) के जरिए प्रवेश
M.Tech in Photonics: GATE या समकक्ष परीक्षा के जरिए प्रवेश
M.Tech और PhD में भी बदलाव

ये बदलाव भी है खास 

M.Tech और MS (रिसर्च) के पाठ्यक्रम को भी उद्योगों से जोड़ने और प्रोजेक्ट-बेस्ड लर्निंग पर जोर देने के लिए बदला गया है. इसमें दो अनिवार्य हिस्से कैपस्टोन प्रोजेक्ट (जिसमें छात्रों को टीमवर्क के जरिए समस्याए़ं सुलझानी होंगी) और समर इंटर्नशिप जोड़े गए हैं. यही नहीं छात्र अब अपनी कोर पढ़ाई से बाहर के कोर्स भी चुन सकते हैं.उद्योग में थीसिस करने की सुविधा भी दी गई है. साथ ही, M.Tech/MS के दौरान PhD में बदलने का विकल्प भी है. PhD पाठ्यक्रम को भी औपचारिक बनाया गया है, जिसमें स्वतंत्र शोध, नैतिकता और उद्योगों से जुड़ाव पर जोर है. 

सभी प्रोग्राम्स में क्रेडिट्स की संख्या थोड़ी कम की गई है. कई विभागों में अब लचीला कोर पाठ्यक्रम है, जिससे छात्र ज्यादा इलेक्टिव कोर्स ले सकें. यह ऑनर्स प्रोग्राम, माइनर डिग्री, विशेषज्ञता और उन्नत M.Tech/MS डिग्रियों को सपोर्ट करेगा.

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