IIT दिल्ली के शोधकर्ताओं ने एक ऐसा AI बनाया है, जो इंसानों की तरह खुद प्रयोग कर सकता है और उसका नतीजा देख सकता है. इस AI का नाम AILA (Artificially Intelligent Lab Assistant) रखा गया है. AILA ने एटॉमिक फोर्स माइक्रोस्कोप (AFM) चलाना सीख लिया है. यह एक ऐसा जटिल और संवेदनशील उपकरण है, जो बहुत ही छोटे स्तर पर पदार्थों का अध्ययन करता है. पहले माइक्रोस्कोप की सेटिंग्स को ठीक करने में एक पूरा दिन लगता था, लेकिन अब AILA इसे सिर्फ 7-10 मिनट में कर देता है, जिससे शोध तेज हो गया है.
AILA अब प्रयोग कर सकता है, उपकरण चला सकता है और नतीजे देख सकता है. IIT दिल्ली के प्रोफेसर नित्या नंद गोस्वामी ने बताया, 'इस उपकरण को चलाना बहुत मुश्किल होता है और इसमें माहिर बनने में सालों लग जाते हैं. AILA ने यह काम खुद करके ये दिखा दिया कि AI अब प्रयोगशालाओं में भी मदद कर सकता है.'
शोध के प्रमुख लेखक और PhD छात्र इंद्रजीत मंडल ने कहा, 'AILA अब मेरे रोजमर्रा के प्रयोगों में मदद करता है और मेरा काम बहुत तेज़ हो गया है. पहले AI सिर्फ सवालों के जवाब देने या डेटा देखने तक सीमित था, लेकिन अब ये वास्तविक प्रयोग भी कर सकता है.' इस परियोजना में डेनमार्क और जर्मनी के शोधकर्ताओं ने भी सहयोग किया. टीम ने यह भी देखा कि केवल किताबों से विज्ञान सीखने वाला AI हमेशा प्रयोगशाला में सही तरीके से काम नहीं कर पाता. इसलिए सुरक्षा और सावधानी का विशेष ध्यान रखा गया.
AILA जैसे AI सिस्टम से भारत के विश्वविद्यालय और शोध संस्थान, भले ही उनके पास ज्यादा उपकरण या विशेषज्ञ न हों, अब उन्नत विज्ञान के प्रयोग कर सकते हैं. इसके अलावा ये भारत में ऊर्जा, टिकाऊ सामग्री और नई तकनीक के शोध को तेज कर सकता है और भारत के वैज्ञानिकों को दुनिया में अग्रणी स्थान दिला सकता है.