IIM की स्टूडेंट शिवानी की कहानी आपको यह सोचने पर मजबूर कर देगी कि आखिर ये हुआ कैसा. तेलंगाना के ज़हीराबाद की रहने वाली शिवानी दृष्टिबाधित हैं लेकिन इसके बावजूद उन्होंने आईआईएम जैसे नामी संस्थान में एंट्रेस एग्जाम के जरिये एडमिशन पाया है, जहां कई बार पढ़ाकू छात्र भी मेरिट लिस्ट में आने से चूक जाते हैं. शिवानी ने यह साबित कर दिया है कि अगर आपके मन में लग्न हो तो आप हर परेशानी से लड़कर मंजिल हासिल कर लेते हैं.
शिवानी से अपने अंधे होने को कभी अपनी कमज़ोरी नहीं बनने दिया. सारी चुनौतियों से लड़ते हुए अपने हौसले बुलंद रखते हुए शिवानी को IIM इंदौर में 2 साल के पोस्ट ग्रैजुएट प्रोग्राम (PGP) में दाखिला मिला है. शिवानी के माता-पिता ने कभी यह नहीं सोचा कि उनकी बेटी देख नहीं सकती तो जीवन में आगे नहीं बढ़ पाएगी. आम बच्चों की तरह ही शिवानी के माता पिता ने अपनी बेटी को पढ़ाया और उसके भविष्य के बारे में सोचा. शिवानी ने बताया कि अपनी पढ़ाई के शुरुआती दिनों में रेगुलर स्कूल में सही संसाधनों की कमी के कारण उन्हें परेशानी का सामना करा पड़ा था. शिवानी के माता-पिता ने फिर हैदराबाद में दृष्टिबाधित छात्रों के लिए बनें स्कूल में उनका दाखिला कराया जहां उन्होंने कक्षा 10 तक की पढ़ाई पूरी की.
साल 2023 में दिया था CAT एग्जाम
शिवानी ने बताया कि दृष्टिबाधित छात्रों के लिए बने स्कूल में पढ़ाई करने के कारण उनकी शिक्षा का सफर आसान रहा. ग्रेजुएशन करने के बाद शिवानी को किसी नामी संस्थान से आगे की पढ़ाई करना थी. इसके लिए उन्होंने कैट एग्जाम की तैयारी शुरू की और आईआईएम में एडमिशन लिया. शिवानी बढ़ते हुए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ी और उन्होंने नवंबर 2023 में कॉमन एडमिशन टेस्ट (CAT) का एग्जाम दिया.
कॉरपोरेट सेक्टर में काम करना चाहती हैं शिवानी
शिवानी ने 18 मैनेजमेंट इंसटीट्यूट्स में इंटरव्यू दिया जिसके बाद उन्होंने IIM इंदौर में 2 साल के पोस्ट ग्रैजुएट प्रोग्राम (PGP) में दाखिला लेने का फैसला लिया.शिवानी कहती हैं कि प्रोग्राम पूरा होने के बाद वो कॉरपोरेट सेक्टर में काम करना चाहती हैं. अपनी सफलता का श्रेय शिवानी भगवान कृष्ण को देती हैं. PGP डिपार्टमेंट के हेड सायंतन बैनर्जी ने कहा कि शिवानी जैसी होनहार स्टूडेंट को पाकर उन्हें गर्व है. आज हर कोई शिवानी के इस हौसले को सलाम कर रहा है.