केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) में कुछ आंतरिक सुधार लाने पर विचार कर रहा है. इसका उद्देश्य एनटीए को एक ऐसी एजेंसी बनाना है जो भविष्य में जीरो-एरर एग्जाम आयोजित कर सके.
फिलहाल उन कमियों का आकलन करने पर चर्चा चल रही है जिसके परिणामस्वरूप नकल, प्रतिरूपण और पेपर लीक के मामले सामने आ रहे हैं. वर्तमान में, NEET UG परीक्षा और अब रद्द हो चुकी यूजीसी नेट परीक्षा इसका उदाहरण हैं जहां इस तरह के मामले सामने आए हैं.
हाई लेवल कमेटी करेगी एनटीए की जांच
आजतक से बात करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि NTA एक इंडिपेंडेंट और ऑटोनॉमस बॉडी है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि उसका कामकाज स्वच्छंद हो जाए और वह गैर-जिम्मेदार हो जाए.
उन्होंने कहा कि सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है. इसके लिए एक हाई लेवल कमेटी का गठन किया जाएगा. NTA का स्ट्रक्चर, उसकी एग्जामिनेशन प्रोसेस, डेटा सिक्योरिटी पर बहुत बारीकी से ध्यान दिया जा रहा है. परीक्षाओं में पारदर्शिता और जीरो एरर के लिए एक्सपर्ट्स की सिफारिशों पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है.
पेपर लीक मुद्दे पर पटना पुलिस ने लिया तुरंत एक्शन
केंद्र ने कुछ सेंटर्स पर अनियमितताओं को ध्यान में रखा है जहां कम समय मिलने के चलते छात्रों में पैनिक पैदा हुआ. पेपर लीक मामले में पटना पुलिस द्वारा की गई जांच को भी हाल ही में शिक्षा मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया है.
एक प्रेस कान्फ्रेंस में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि उन्होंने पेपर लीक मुद्दे पर तुरंत कदम उठाया. बिहार पुलिस के अधिकारियों ने पेपर लीक मॉड्यूल की ओर सबसे पहले इशारा किया था, जिसमें पटना में NEET UG एग्जाम के बाद 13 गिरफ्तारियां की गईं.
रद्द नहीं होगी NEET UG की परीक्षा
सूत्रों का कहना है कि फिलहाल NEET UG पेपर को रद्द करने का कोई विचार नहीं है. धर्मेंद्र प्रधान ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह स्पष्ट कर दिया कि कुछ गड़बड़ियों के चलते सभी छात्रों के भविष्य को खतरे में नहीं डाला जा सकता है.
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024 के नियम वर्तमान में कानून मंत्रालय द्वारा तैयार किए जा रहे हैं. यह बिल पिछले सत्र में संसद से पारित हो गया था.