DUSU election: तीन साल बाद दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव 2023 की बिसात बिछ गई है. छात्रसंघ से जुड़े छात्र दिन रात पूरे जोश से चुनावी तैयारियों में जुटे हैं. कोरोना महामारी के कारण तीन साल बाद कैंपस में पहले जैसी रौनक नजर आ रही है. नामांकन के बाद छात्र संगठन अपने अपने मुद्दों के साथ चुनावी अखाड़े में आमने सामने हैं, अब देखना यह है कि कौन ये बाजी जीतेगा. इस साल चुनावी मुद्दे क्या होंगे? आइए जानते हैं.
समावेशी कैंपस-महिला सुरक्षा है मुद्दा
दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र नेता 22 सितंबर मतदान से पहले वोटर्स के सामने अपने अपने मुद्दों के साथ जा रहे हैं. पिछले 10 सालों में सात बाद अध्यक्ष पद पर जीतने वाली अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) एक बार फिर से जीतने की जुगत में पूरी ताकत झोंक रही है. वहीं, एबीवीपी को कड़ी टक्कर देने वाला छात्र संगठन नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) भी बीते तीन साल से छात्र राजनीति में पैर जमाने में लगा हुआ है. इस बार लेफ्ट यूनिटी का संगठन AISA और एसएफआई भी पूरी तैयारी से छात्र संघ चुनाव में तैयार है. लेकिन इस बार भी एनएसयूआइ और एबीवीपी के बीच ही कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक आशुतोष सिंह ने aajtak.in को बताया कि संगठन इस साल छात्रों से जुड़े मुद्दे लेकर मैदान में है. हमें छात्रों का पूरा सहयोग भी मिल रहा है. आशुतोष ने बताया कि इस बार ABVP का मुख्य मुद्दा महिला सुरक्षा और एक समावेशी कैंपस बनाना है. इसके अलावा इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार, सप्लीमेंट्री एग्जाम, कैंपस के हर कॉलेज डिपार्टमेंट में सेनेटरी वेंडिंग मशीनें, हॉस्टल की सुविधाओं के अलावा पीजी कोर्सेज की फीस है जिसमें हम लगातार वन कोर्स वन फीस की मांग करते रहे हैं.
NSUI भी महिला सशक्तीकरण को बना रही मुद्दा
इसी तरह एनएसयूआई ने भी महिला सशक्तीकरण और महिला सुरक्षा को इस बार का खास मु़द्दा बनाया है. एनएसयूआई के राष्ट्रीय महासचिव लोकेश चुग ने बताया कि हम लोग बीते तीन साल से छात्रहित में काम कर रहे हैं. कोरोना के गंभीर हालातों में एनएसयूआई ने प्रियंका गांधी द्वारा शुरू की गई बस सेवाओं से एबीवीपी के कार्यकर्ताओं तक को बसों से 24 घंटे में घर पहुंचाया. यही नहीं ऑनलाइन एजुकेशन के दौर में छात्रों तक टैब और मोबाइल की एक्सेस के लिए हम जुटे रहे. कोरोना के दौरान पीजी और हॉस्टल फीस को लेकर आंदोलन किया. इस बार चुनाव में एनएसयूआई भारी मतों से जीतेगा. हमारे मुद्दों में इस बार यूथ स्पेशल बसेज, हर कॉलेज में लाइब्रेरी और ऑडिटोरियम की बेहतर सुविधाओं के अलावा कॉलेजों में पुराने हो गए बेंच टेबल तक सब बदलाकर इन्फ्रास्ट्रक्चर को बदलना शामिल है.
आइसा ने कहा, शिक्षा बचाने के लिए DUSU में लड़ेंगे
ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) ने डूसू चुनाव में सेंट्रल पैनल के सभी चार पदों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. आइसा की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस चुनाव को लोकतांत्रिक भावना के साथ लड़ने तथा छात्रों के अधिकारों के लिए संघर्ष करने का संकल्प लिया है.
DUSU 2023 के लिए AISA का मुख्य एजेंडा:
• एसईसी (सैक) और वीएसी (वैक) के माध्यम से हमारे पाठ्यक्रमों को कमजोर करना बंद हो
• नई आंतरिक योजना वापस लिया जाए
• शुल्क वृद्धि समाप्त हो
• एईसी विकल्पों में अंग्रेजी जोड़ा जाए
• छात्रों को रियायती मेट्रो पास प्रदान किया जाए
• लैंगिक न्याय के लिए GSCASH का गठन किया जाए
• रूम रेंट नियंत्रण कानून लागू किया जाए
• सभी छात्रों के लिए छात्रावास सुनिश्चित किया जाए
NSUI का DUSU 2023 पैनल
अध्यक्ष - हितेश गुलिया
उपाध्यक्ष - अभी दहिया
सचिव-यक्षणा शर्मा
संयुक्त सचिव - शुभम कुमार चौधरी
ABVP का DUSU 2023 पैनल
अध्यक्ष -तुषार डेढ़ा
उपाध्यक्ष - सुशांत धनकड़
सचिव-अपराजिता
संयुक्त सचिव - सचिन बैसला
AISA का DUSU 2023 पैनल
अध्यक्ष - आयशा अहमद खान
उपाध्यक्ष - अनुष्का चौधरी
सचिव-आदित्य प्रताप सिंह
संयुक्त सचिव - अंजलि कुमारी