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भारतीय मूल की लेखिका अवनी दोशी को पछाड़ स्‍टुअर्ट डगलस ने जीता Booker Prize 2020 

Booker Prize 2020: दुबई की भारतीय मूल की लेखिका अवनी दोशी को भी उनके पहले उपन्यास ‘Burnt Sugar’ के लिए अंतिम छह लेखकों में चुना गया था, मगर वह शीर्ष पुरस्कार के लिए स्‍टुअर्ट से हार गईं. 

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Booker Prize 2020
Booker Prize 2020
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अवनी दोशी को भी अंतिम छह लेखकों में चुना गया था
  • बुकर प्राइज़ 2020 जजिंग पैनल की अध्यक्षता मार्गरेट बुस्बी ने की

Booker Prize 2020: न्यूयॉर्क के स्कॉटिश लेखक डगलस स्टुअर्ट (Douglas Stuart) ने गुरुवार को ग्लासगो में भारतीय मूल के लेखक अवनी दोशी को पछाड़ते हुए अपने पहले उपन्यास ‘Shuggie Bain’ के लिए बुकर पुरस्कार 2020 जीता. इस मौके पर स्‍टुअर्ट ने कहा, "मैं इस पर विश्वास नहीं कर सकता. Shuggie एक फिक्‍शन (कल्‍पना) है, लेकिन इस पर किताब लिखना मेरे लिए बेहद खास अनुभव था. 44 वर्षीय स्टुअर्ट ने अपनी पुस्तक अपनी मां को समर्पित की, जो तब गुज़र गई थीं जब स्‍टुअर्ट 16 वर्ष के थे. लंदन में रॉयल कॉलेज ऑफ आर्ट से ग्रेजुएट होने के बाद, वह फैशन डिजाइनिंग में करियर शुरू करने के लिए न्यूयॉर्क चले गए.

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उन्होंने केल्विन क्लेन, राल्फ लॉरेन और गैप सहित विभिन्न ब्रांड्स के लिए काम किया है. उन्होंने एक दशक पहले अपने खाली समय में लिखना शुरू किया था. दुबई की भारतीय मूल की लेखिका अवनी दोशी को भी उनके पहले उपन्यास ‘Burnt Sugar’ के लिए अंतिम छह लेखकों में चुना गया था, मगर वह शीर्ष पुरस्कार के लिए स्‍टुअर्ट से हार गईं. 

एजेंसी के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, 2020 बुकर प्राइज़ जजिंग पैनल की अध्यक्षता संपादक और साहित्यिक आलोचक मार्गरेट बुस्बी ने की. उनके साथ थे पूर्व प्रकाशक और लेखक ली चाइल्ड; लेखक और समीक्षक समीर रहीम; लेखक और प्रसारक लेमन सिसे; और क्लासिसिस्ट और अनुवादक एमिली विल्सन. इस टीम को लीड करते हुए बुस्‍बी ने कहा, “हम Zoom मीटिंग से जुड़े थे और यह एक शानदार अनुभव था. उन्‍होंने 162 एंट्रीज़ को फाइनलाइज़ कर टॉप एंट्री को विजेता घोषित किया. 

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कोरोना वायरस महामारी लॉकडाउन के कारण इस वर्ष बुकर पुरस्कार समारोह बहुत अलग रहा. समारोह को लंदन के राउंडहाउस से प्रसारित किया गया था. सभी छह शॉर्टलिस्ट किए गए लेखक राउंडहाउस में एक विशेष स्क्रीन के माध्यम से समारोह में शामिल हुए और इस आयोजन में वर्चुअल और इन-पर्सन दोनों अतिथि शामिल थे. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस बारे में बात की कि बुकर प्राइज उपन्यासों को पढ़ना उनके और कैमेला लिए क्या मायने रखता है. डचेस ऑफ कॉर्नवाल ने उनसे महामारी के दौरान भी पढ़ने के महत्व पर अपने विचार साझा किए.

फिक्शन के लिए बुकर पुरस्कार पहली बार 1969 में प्रदान किया गया था और यह किसी भी राष्ट्रीयता के लेखकों के लिए खुला है. लेखन अंग्रेजी में लिखा होना चाहिए और यूनाइटेड किंगडम या आयरलैंड में प्रकाशित हुआ होना चाहिए.

 

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