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CBSE ने विदेशी बोर्ड के छात्रों के लिए प्रवेश प्रक्रिया को किया आसान, जारी की ये सूची

महामारी के इस दौर में विदेशों से लौट रहे भारतीय परिवारों के बच्चों के सीबीएसई ने अपने बोर्ड के कक्षाओं के समकक्ष एक सूची सूची जारी की है. इस सूची का पालन कर स्कूल छात्रों को अपने यहां एडमिशन ले सकते हैं . इसके लिए उन्हें बोर्ड से किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं लेनी पड़ेगी

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CBSE eases the admission process for students from foreign boards
CBSE eases the admission process for students from foreign boards
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सीबीएसई ने विदेशी बोर्ड के छात्रों के लिए प्रवेश प्रक्रिया किया आसान
  • इसके लिए सीबीएसई ने जारी की एक समकक्ष सूची

कोरोना महामारी ने भारत के साथ-साथ दुनियाभर के बच्चों की पढ़ाई को खासा नुकसान पहुंचाया है. ऐसे में कई NRI परिवार इस बीच अपने देश की तरफ लौट रहे हैं. इन परिवारों को राहत देते हुए सीबीएसई ने विदेशी बोर्ड के छात्रों के लिए प्रवेश प्रक्रिया को आसान कर दिया है.

दरअसल, महामारी के इस दौर में विदेशों से लौट रहे भारतीय परिवारों के बच्चों के सीबीएसई ने अपने बोर्ड के कक्षाओं के समकक्ष एक सूची जारी की है. इस सूची का पालन कर स्कूल छात्रों को अपने यहां एडमिशन ले सकते हैं. इसके लिए उन्हें बोर्ड से किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं लेनी पड़ेगी.

हाल ही में सीबीएसई के एक सवाल पर हुआ था विवाद

वहीं, इन दिनों कक्षा 10वीं और 12वीं के सीबीएसई के टर्म-1 के एग्जाम चल रहे हैं. बुधवार को सीबीएसई की 12वीं कक्षा की परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें एक ऐसा सवाल पूछा गया, जिसपर बवाल मच गया.

दरअसल, सीबीएसई की परीक्षा में गुजरात दंगों से जुड़ा एक सवाल छात्रों से पूछा गया. एमसीक्यू बेस्ड पेपर में सवाल किया गया, '2002 में गुजरात में अभूतपूर्व पैमाने और मुस्लिम विरोधी हिंसा किस सरकार में हुई?'. इसके लिए स्टूडेंट्स को चार विकल्प दिए गए थे. ये विकल्प- कांग्रेस, बीजेपी, डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन.

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इसको लेकर कुछ लोगों ने नाराजगी भी व्यक्त की. हंगामा बढ़ता देख सीबीएसई ने ट्वीट कर बयान जारी किया और जिम्मेदार शख्स के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया है.

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