Bihar Mid Day Meal : बिहार के सरकारी स्कूलों के हेडमास्टर या प्रभारियों के खिलाफ शिक्षा विभाग ने सख्त एक्शन लिया है. दरअसल, बिहार के सरकारी स्कूल में मिड डे मील व्यवस्था की जांच करने के लिए ऑनलाइन फीडबैक प्रणाली का आयोजन किया गया था. इस फीडबैक प्रणाली में कई शिक्षक और हेडमास्टर जवाब देने में विफल रहे हैं.
शिक्षा विभाग ने राज्य के जिला शिक्षा पदाधिकारियों (DeO) को छह अप्रैल को पत्रा भेजा था. पत्र में आदेश दिया गया कि एक हजार 434 प्रधानाध्यापकों का वेतन अगले आदेश तक रोक दिया जाए. इसके साथ ही सभी ने फीडबैक प्रणाली में हिस्सा क्यों नहीं लिया, इसका जवाब भी मांगा है.
इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम के जरिये प्रधान शिक्षकों से पूछे गए थे तीन सवाल
सरकारी स्कूलों में मिड डे मील की व्यवस्था ठीक है या नहीं, बच्चों को समय पर और स्वस्थ खाना मिल रहा है या नहीं, भोजन बनाने में स्कूल को कोई परेशानी तो नहीं हो रही? इन सभी सवालों की जांच करने के लिए एक नवंबर 2023 को 72 हजार सरकारी स्कूलों में इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम (IVRS) का आयोजन किया गया था. आईवीआरएस के तहत, प्रधानाध्यापकों या प्रभारी से स्कूल में छात्रों की उपस्थिति, लाभार्थियों की संख्या और तैयार किया गया. भोजन दिन के मेनू के अनुसार है या नहीं, इस सभी के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए तीन प्रश्न पूछे जाते हैं. इस वॉयस सिस्टम में एक हजार 434 प्रधानाध्यापकों ने भाग नहीं लिया था.
बिहार के इन जिलों ने शिक्षकों ने किया रिस्पांड
जारी पत्र के अनुसार, सीवान जिले में प्राथमिक और मध्य विद्यालयों के अधिकतम 175 हेडमास्टर या प्रभारी आईवीआरएस प्रणाली का जवाब देने में विफल रहे थे. इस सिस्टम में मधुबनी के 112 और दरभंगा के 78 हेडमास्टर ने भाग लिया था. बता दें कि इस मुद्दे पर बात करने के लिए बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार उपलब्ध नहीं थे.