लेबनान में हुए पैजर अटैक के बाद अब इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच अटैक का सिलसिला शुरू हो गया है. पहले इजरायल ने हिजबुल्लाह के इलाकों में अटैक किया था और अब हिजबुल्लाह ने इजरायल पर हमला किया है. हिजबुल्लाह के अटैक के बाद अब सवाल ये है कि आखिर हिजबुल्लाह के पास ऐसी क्या ताकत है, जिसके दम पर वो इजरायल से भिड़ने की कोशिश कर रहा है. ऐसे में जानते हैं कि आखिर हिजबुल्लाह को कौन-कौन से देश सपोर्ट कर रहे हैं और हथियारों में देखें तो हिजबुल्लाह की सीक्रेट पावर क्या है?
हिजबु्ल्लाह क्या है?
ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने 1982 में लेबनान के 1975-90 के गृह युद्ध के बीच में हिजबुल्लाह की स्थापना की. ये 1979 की इस्लामी क्रांति को आगे बढ़ाने और 1982 में लेबनान पर आक्रमण के बाद इजरायली सेना से लड़ने के ईरान के प्रयास का ही हिस्सा था. ये इस दौरान शिया समुदाय के बीच उभरा. तेहरान की शिया इस्लामवादी विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए हिजबुल्लाह ने लेबनानी शिया मुसलमानों की भर्ती की. एक गुट से आगे बढ़ते हुए अब ये सशस्त्र बल गया है और इसका लेबनान में काफी प्रभाव है. अमेरिका से लेकर कई देश इसे आतंकी संगठन मानते हैं. हिजबुल्लाह का सबसे बड़ा फंड का सोर्स ईरान माना जाता है.
कितना पावरफुल है हिजबुल्लाह?
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, हिजबुल्लाह दुनिया में सबसे भारी हथियारों से लैस, नॉन स्टेट मिलिट्री फोर्स है. इसके चीफ की ओर से दावा किया गया है कि संगठन में 100,000 लड़ाके हैं, लेकिन अनुमान लगाया जाता है कि ये संख्या 50 हजार तक हो सकती है. कई लोग काफी अच्छे ट्रेंड हैं और सीरियाई गृहयुद् से लेकर कई वॉर में लड़ चुके हैं. साल 2000 में जब इजरायली सेना लेबनान से वापस गई तब से हिजबुल्लाह ने एक तरीके से दक्षिणी लेबनान को अपना गढ़ बना लिया.
कहा जाता है कि इसका भरण पोषण ईरान की ओर से किया जाता है. लेकिन, कई अन्य देश भी हिजबुल्लाह के समर्थन में हैं और उनके एजेंडा को प्रमोट करते हैं. सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, हिजबुल्लाह का ईरान के नेतृत्व वाले लड़ाकू समूहों के साथ अच्छा गठबंधन है, जो गाजा, यमन, सीरिया और इराक तक फैले हुए हैं. ईरान हिजबुल्लाह को हथियार और ट्रेनिंग प्रदान करता है. इस वजह से हिजबुल्लाह के साथ एक बड़ा नेटवर्क काम करता है.
हथियारों में कितना मजबूत?
कई रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया है कि हिज्बुल्लाह के पास 120,000-200,000 के बीच रॉकेट और मिसाइलें हैं. इनमें छोटे और सतह से सतह पर मार करने वाले रॉकेट हैं. साथ ही इसके अलावा गाइडेड मिसाइल का भंडार भी है. हिजबुल्लाह के हथियार और उसके खास ट्रेनिंग लिए हुए लड़ाके उसे हमास से अलग बनाते हैं. साथ ही ये टेक्नोलॉजी को लेकर भी खास काम कर रहा है.
कितने तरह की मिसाइलें?
Katyusha” 107-122mm- 4-40km रेंज
Fajr-1 / Type 63- 8-10km रेंज
Falaq-1- 10-11km रेंज
Falaq-2- 10-11km रेंज
Shahin-1- 13km रेंज
Type 81- 20.5km रेंज
Fajr-3- 43km रेंज
Fajr-5- 75km रेंज
Khaibar-1- 100km रेंज
Zelzal-1- 125-160km रेंज
Zelzal-2- 210km रेंज
Fateh-110- 250-300km रेंज
Scud-B/C/D- Plus 150-400 (गाइडेड मिसाइल)
कितने तरह के एयरक्राफ्ट?
Mirsad 1/Ababil-T: 120km रेंज
Mirsad 2/Mohajer 4: 150km रेंज
Ma'arab/Qods Yasir: 200km रेंज
Karrar: 1000km रेंज
Shahed-129: 2,000km रेंज