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जब यरुशलम पर ब्रिटेन ने किया कब्जा, भारतीय सैनिकों ने की थी धार्मिक स्थल की रक्षा

आज का दिन इतिहास के पन्नों में कई ऐसी घटनाओं का गवाह रहा है, जिसने आने वाला भविष्य बदलकर रख दिया. इनमें से ही एक है, यरुशलम पर ब्रिटेन के कब्जे की कहानी. कैसे प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटेन ने इस पवित्र शहर पर कब्जा कर लिया था.

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यरुशल पर ब्रिटेन का कब्जा (Getty)
यरुशल पर ब्रिटेन का कब्जा (Getty)

9 दिसम्बर 1917 की सुबह, जब तुर्की सेना केवल एक दिन की लड़ाई के बाद यरुशलम से बाहर निकल गई, तो पवित्र शहर के अधिकारियों ने ब्रिटिश सेना को शहर की चाबियां सौंप दीं. जनरल एडमंड एलेनबी के नेतृत्व में ब्रिटिश सैनिक, जो पिछले जून 1917  में ही पश्चिमी मोर्चे से मिस्र में कमान संभालने के लिए आए थे, दो दिन बाद पवित्र शहर में घुसे.

लंदन से सख्त निर्देश के तहत कि शहर में वहां के लोगों या उनकी परंपराओं के प्रति अनादर न दिखाया जाए. एलेनबी ने पैदल ही येरूशलेम में प्रवेश किया. इसके साथ ही शहर पर कोई मित्र राष्ट्र का झंडा नहीं फहराया गया.

भारत के सैनिकों ने की थी पवित्र स्थल की रक्षा
जब ब्रिटिश सैनिकों ने यरुशलम पर कब्जा कर लिया तो भारत के सैनिकों को वहां भेजा गया.  इन सैनिकों के कंधे पर ही शहर के पवित्र औ  धार्मिक स्थल डोम ऑफ द रॉक की रक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई. मार्शल लॉ की घोषणा करने वाली घोषणा में, जिसे शहर के लोगों को अंग्रेजी, फ्रेंच, अरबी, हिब्रू, रूसी और ग्रीक में पढ़कर सुनाया गया.

तीन धर्मों का पवित्र शहर है यरुशलम
एलनबी ने वहां के लोगों को आश्वासन दिया कि कब्ज़ा करने वाली शक्ति येरुशलम, उसके निवासियों या उसके पवित्र स्थानों को और अधिक नुकसान नहीं पहुंचाएगी. चूंकि ये शहर मानव जाति के तीन महान धर्मों के अनुयायियों का पवित्रस्थल है. और इस धरती को भक्तों की भीड़ की प्रार्थनाओं और तीर्थयात्राओं द्वारा पवित्र किया गया है. इसलिए इसे उसी तरह से संरक्षित रखा जाएगा, जैसा कि सदियों से यहां के लोग यहां रहते आ रहे हैं. 

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ब्रिटेन ने यरुशल में कोई उत्पात नहीं मचाया
एलनबी ने यरुशलम के लोगों को बताया कि इसलिए मैं आपको यह बताना चाहता हूं कि हर पवित्र इमारत, स्मारक, पवित्र स्थान, तीर्थस्थल, पारंपरिक स्थल, बंदोबस्ती, पवित्र वसीयत या प्रार्थना का प्रथागत स्थान उन लोगों के मौजूदा रीति-रिवाजों और विश्वासों के अनुसार बनाए रखा और संरक्षित किया जाएगा जिनके विश्वास के लिए वे पवित्र हैं.

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रोम और लंदन में चर्च की घंटियां यरुशलम में शांतिपूर्ण ब्रिटिश आगमन का जश्न मनाने के लिए बजाई गईं. पश्चिमी मोर्चे पर इतनी निराशा के बाद एलनबी की सफलता ने हर जगह मित्र राष्ट्रों के समर्थकों को उत्साहित और प्रेरित किया.

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प्रमुख घटनाएं

9 दिसंबर 1992 - प्रिंस चार्ल्स और प्रिंसेस डायना ने अलग होने की औपचारिक रूप से घोषणा की.

9 दिसंबर  1946 - संविधान सभा की पहली बैठक नयी दिल्ली के कांस्टीट्यूनल हॉल में हुई.

9 दिसंबर  1941 - चीन ने जापान, जर्मनी और इटली के खिलाफ युद्ध की घोषणा की.

9 दिसंबर  1931 - जापानी सेना ने चीन के जेहोल प्रांत पर हमला किया.

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9 दिसंबर  1924 - हालैंड और हंगरी के बीच व्यापार संधि पर हस्ताक्षर.

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