यूपी के शाहजहांपुर जिले के कस्बे जलालाबाद का नाम अब बदल गया है. अब से इसे परशुरामपुरी कहा जाएगा. इसको लेकर गृह मंत्रालय ने आदेश जारी कर दिया है. अब सवाल ये उठता है कि आखिर जलालाबाद का नाम परशुरामपुरी ही क्यों रखा गया और पहले इसका नाम जलालाबाद क्यों पड़ा था?
सालों से जलालाबाद को भगवान परशुराम की जन्मस्थली के रूप में जाना जाता है. इसकी ख्याति ही भगवान परशुराम के जन्मस्थान के तौर पर है. यहां इनका एक पुराना मंदिर भी है. इस जगह का भगवान परशुराम के कारण एक ऐतिहासिक महत्व है. कहा जाता है कि कई जगहों पर ऐसा उल्लेख है कि भगवान परशुराम ने यहीं से अधर्म का नाश करने के लिए फरसा उठाया था.
भगवान परशुराम की जन्मभूमि है जलालाबाद
कई पौराणिक ग्रंथों में इस छोटे से शहर को भगवान परशुराम की जन्मभूमि के रूप में वर्णित किया गया है. यही वजह है कि 2022 में भगवान परशुराम की जन्मभूमि के रूप में सरकार ने इसकी आधिकारिक घोषणा की. यहां पर भगवान परशुराम का एक प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर भी है. इसे एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल माना जाता है. बताया जाता है कि इस स्थान और मंदिर का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है.
कई सालों से इस शहर का नाम बदलकर भगवान परशुराम के नाम पर रखने की मांग की जा रही थी. अब जाकर गृहमंत्रालय से भी इसे मंजूरी मिल गई है. अब से हर जगह जलालाबाद के बदले परशुरामपुरी नाम का इस्तेमाल किया जाएगा.
क्यों पड़ा था नाम जलालाबाद
शाहजहांपुर के इस तहसील का नाम जलालाबाद रखने के पीछे लोग की तरह के तर्क देते हैं. कुछ लोगों का कहना है कि मुगल बादशाह जलालुद्दीन अकबर के सम्मान में उनके नाम पर इस शहर का नाम जलालाबाद रखा गया था.