scorecardresearch
 

बंकर या कहीं और... कहां है खामेनेई का सीक्रेट ठिकाना? नए वीडियो के फोरेंसिक विश्लेषण से मिले सुराग

अयातुल्ला अली खामेनेई के नए वीडियो में कई ऐसे संकेत मिले हैं, जो इशारा करते हैं कि उन्हें किसी दूसरे जगह पर ले जाया गया है. ये भी संभावना जताई जा रही है कि हो सकता है उन्हें किसी सुरक्षित बंकर में शिफ्ट कर दिया गया हो. ऐसा वीडियो के फोरेंसिक विश्लेषण संकेत मिले हैं.

Advertisement
X
खामेनेई के नए वीडियो का फोरेंसिक विश्लेषण
खामेनेई के नए वीडियो का फोरेंसिक विश्लेषण

अयातुल्ला अली खामेनेई के नए वीडियो में कई ऐसे संकेत मिले हैं, जो इशारा करते हैं कि उन्हें किसी दूसरे जगह पर ले जाया गया है. ये भी संभावना जताई जा रही है कि हो सकता है उन्हें किसी सुरक्षित बंकर में शिफ्ट कर दिया गया हो. ऐसा वीडियो के फोरेंसिक विश्लेषण संकेत मिले हैं.

इजरायल और ईरान संघर्ष के बीच ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई चर्चा का केंद्र बने हुए हैं. खासकर उनकी सुरक्षा और जगह बदलने को लेकर कई तरह की बातें चल रही हैं. उनके विरोधियों की राजनीतिक बयानबाजी से पता चलता है कि खामेनेई की जान को खतरा हो सकता है.वहीं ट्रम्प भी दावा  कर चुके हैं कि अमेरिका उनके सटीक स्थान को जानता है. उधर, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी उनकी हत्या की संभावना से इनकार नहीं किया है. वहीं खामेनेई को बंकर में ले जाने की भी कई खबरें आ चुकी हैं. 

Ayatollah Khamenei

इस बीच 18 जून को खामेनेई का एक वीडियो जारी हुआ. ईरान के बिना शर्त आत्मसमर्पण की ट्रम्प की मांग के एक दिन बाद, खामेनेई ने अपने टेलीग्राम चैनल पर एक वीडियो संदेश जारी किया था. इसमें उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी अमेरिकी सैन्य कार्रवाई के गंभीर परिणाम होंगे.

Advertisement

नए वीडियो में स्थान परिवर्तन के मिले सबूत
इस वीडियो में उनके संभावित स्थान परिवर्तन के काफी सूक्ष्म लेकिन स्पष्ट संकेत हैं. फुटेज के फोरेंसिक विश्लेषण से पता चलता है कि वीडियो प्रोडक्शन की गुणवत्ता और सेटअप में बड़े बदलाव हुए है. वीडियो की क्वालिटी में  गिरावट आई है, जो उनके सामान्य स्टूडियो-क्वालिटी से बहुत अलग है. यह उनके अस्थायी स्टूडियो सेटअप की ओर इशारा करती हैं. 

इंडिया टुडे ने किया वीडियो का विश्लेषण
इंडिया टुडे के ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) विश्लेषण में भी ये बात सामने आई है कि इस वीडियो की तकनीकी गुणवत्ता में असामान्य गिरावट दर्ज की गई है. यह गिरावट इतनी स्पष्ट है कि विशेषज्ञ मान रहे हैं कि यह वीडियो एक अस्थायी और कम संसाधनों वाले स्थान पर शूट किया गया है. मतलब पहले जहां खामेनेई का वीडियो शूट होता था, उससे अलग जगह पर ये नया वीडियो शूट किया गया है, जहां कोई अस्थायी सेटअप हो,  शायद किसी सुरक्षित बंकर में. 

वीडियो की क्वालिटी में कई बदलाव आए सामने
13 जून को हमले शुरू होने के बाद से यह उनकी दूसरी सार्वजनिक उपस्थिति थी. फोरेंसिक विश्लेषण में, इंडिया टुडे के ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) ने उनके कार्यालय द्वारा जारी पिछले वीडियो के मुकाबले नवीनतम वीडियो के निर्माण में असामान्य तकनीकी कमियां देखी. इन असामान्य परिवर्तनों से पता चलता है कि खामेनेई को किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया है.

Advertisement

यह भी पढ़ें: अगर खामेनेई शासन का अंत होता है तो कौन लेगा ईरान की सत्ता अपने हाथ में? ये 3 संगठन एक्टिव

वीडियो में कई सारे बदलाव स्पष्ट दिखे
हालांकि इस टाइट शॉट में केवल बेज रंग के पर्दे, एक ईरानी झंडा और खामेनेई के पूर्ववर्ती ग्रैंड अयातुल्ला रूहोल्लाह खुमैनी का चित्र दिखाया गया है, लेकिन इससे उनके स्थान का कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिला. वहीं कुछ दृश्य संकेत से पता चलता है कि नए वीडियो में कुछ तो बदलाव हुआ है. क्योंकि खामेनेई अपने संबोधनों में आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले उच्च-गुणवत्ता वाले स्टैंड माइक्रोफोन के बजाय एक लैपल माइक का उपयोग करते हुए दिखाई दे रहे हैं.

नए वीडियो की क्वालिटी में पिछले वाले की तुलना में आई कमी  
कुल मिलाकर वीडियो की गुणवत्ता भी कम दिखाई देती है. जबकि उनके कार्यालय के पिछले वीडियो हाई-रिज़ॉल्यूशन मानकों को बनाए रखते हैं, यह काफी कम्प्रेस्ड दिखता है, जो कम परिष्कृत सेटअप की ओर इशारा करता है. एक तकनीकी तुलना और भी खुलासा करती है. उनका 10 जून का संबोधन, जो चार मिनट से कम लंबा है, उसके फ़ाइल आकार 24 एमबी था, जिसमें वीडियो बिटरेट 892 केबीपीएस और ऑडियो 95.4 केबीपीएस था.

अचानक वीडियो क्वालिटी में ऐसे आई गिरावट
वहीं 18 जून का वीडियो, नौ मिनट से अधिक लंबा होने के बावजूद, केवल 18 एमबी आकार का है. वीडियो बिटरेट 256 केबीपीएस तक गिर जाता है और ऑडियो गुणवत्ता मात्र 2.4 केबीपीएस तक गिर जाती है. उच्च बिटरेट हाई रेज्यूल्यूशन में परिवर्तित होता है. जैसा कि इसके नाम से पता चलता है, बिटरेट वह दर है जिस पर बिट्स (डेटा के) संसाधित या स्थानांतरित किए जाते हैं. बिटरेट को सेकंड में मापा जाता है. बिटरेट मापने वाली इकाइयां छोटी इकाइयों के लिए बीपीएस और उच्च बिट दरों के लिए केबीपीएस, एमबीपीएस और जीबीपीएस तक होती हैं.

Advertisement

यह भी पढ़ें: 'कई बड़ी हस्तियां छोड़ चुकी हैं देश, खामेनेई भी ऐसे विकल्प की तलाश में,' न्यू ईरान मूवमेंट के नेता का दावा

फुटेज की क्वालिटी बंकर की ओर कर रही इशारा 
ये संख्याएं स्पष्ट संकेत देती हैं कि वीडियो को डाउनग्रेडेड या इम्प्रोवाइज्ड उपकरणों का उपयोग करके रिकॉर्ड किया गया था, जो स्थान में संभावित बदलाव की ओर इशारा करता है. मानक प्रसारण उपकरणों की अनुपस्थिति और तकनीकी गुणवत्ता में अचानक गिरावट इस सिद्धांत को बल देती है कि खामेनेई अब अधिक सुरक्षित, संभवतः भूमिगत, साइट से काम कर रहे होंगे.

वीडियो की ऑडियो क्वालिटी से हुआ है छेड़छाड़
यह विश्लेषण लंदन स्थित समाचार चैनल, ईरान इंटरनेशनल की रिपोर्टों से मेल खाता है, जिसने दावा किया था कि उन्हें उत्तरपूर्वी तेहरान के लाविज़ान में एक भूमिगत बंकर में ले जाया गया था. कम बिटरेट से ये संकेत मिलते हैं कि वीडियो को फिल्मांकन के बाद मैन्युअल रूप से या टूल-कंप्रेस किया गया था. ऑडियो को भी डाउनसैंपल किया गया था - संभवतः आसपास के शोर को हटाने के लिए जो उनके स्थान के बारे में सुराग प्रकट कर सकता था.

यह भी पढ़ें: क्या खामेनेई रिजीम के कोलैप्स के बाद टूट सकता है ईरान? 50% आबादी पर्शियन, बाकी बलोच-कुर्द-अरब

Advertisement

जियोलोकेशन के संकेतों को मिटाने के किए दिखे प्रयास
यह उनके विशिष्ट प्रसारण गुणवत्ता से साफ डेविएशन को दर्शाता है, जिसमें प्रोफेशन-ग्रेड कैमरे और हाई फिडेलिटी ऑडियो शामिल हैं. ऑडियो और वीडियो क्वालिटी का बुरी तरह से कंप्रेशन आसपास के माहौल की पहचान बताने वाले संकेतों को हटाने और मेटाडेटा को कम करने के लिए है, जिससे जियोलोकेशन या ध्वनिक विश्लेषण के जोखिम को कम किया जा सके.

ईरान की शक्ति का केंद्र हैं खामेनेई
दशकों से ईरान के शक्ति का केंद्र रहे अयातुल्ला खामेनेई ईरान की सख्त विदेश नीति के केंद्र में रहे हैं, जो देश को पश्चिम एशिया में अमेरिकी, इजरायल और सऊदी प्रभावों के प्रति एक प्रतिपक्ष के रूप में स्थापित करते हैं. ईरान के सर्वोच्च नेता के रूप में, वह सरकार की अन्य सभी शाखाओं से ऊपर बैठते हैं. वह न्यायपालिका, राज्य मीडिया और प्रमुख सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों की नियुक्ति करते हैं, और राष्ट्रपति पद के लिए कौन उम्मीदवार बन सकता है, इस पर अंतिम अधिकार उनके पास है.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement