केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने पिछले सप्ताह पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम (PSP) 2.0 के तहत पूरे देश में ई-पासपोर्ट पहल शुरू करने की घोषणा की है. शुरुआत में चुनिंदा शहरों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की गई यह पहल यात्रियों के लिए डिजिटल इंडिया इकोसिस्टम बनाने की दिशा में एक कदम है. डॉ. जयशंकर ने कहा, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमने पूरे देश में पीएसपी वी2.0 को शुरू कर दिया है. इससे उन्नत, उच्च-स्तरीय उभरती प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाया जा सकेगा.
ई-पासपोर्ट क्या है?
यह दिखने में सामान्य पासपोर्ट जैसा ही होता है, बस इसमें एक चिप लगी होती है. ई-पासपोर्ट (E-Passport) एक डिजिटल तकनीक से लैस आधुनिक पासपोर्ट है, जिसमें आपके व्यक्तिगत डाटा के साथ-साथ एक इलेक्ट्रॉनिक चिप लगी होती है. यह चिप पासपोर्ट के अंदर (आमतौर पर कवर पेज में) लगी होती है, जिसमें आपके बायोमेट्रिक डाटा, फोटो, फिंगरप्रिंट और जरूरी व्यक्तिगत जानकारी डिजिटल रूप में स्टोर रहती है।
ई-पासपोर्ट कैसे काम करता है?
ई-पासपोर्ट में रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) चिप और एक एंटीना लगा होता है. चिप में पासपोर्ट धारक की व्यक्तिगत जानकारी और बायोमेट्रिक जानकारी होती है. ई-पासपोर्ट के सामने के कवर के नीचे एक छोटा सा अतिरिक्त सुनहरे रंग का सिंबल प्रिंटेड है, जो इसे नियमित पासपोर्ट से अलग करने में मदद करेगा.
ई-पासपोर्ट दिखता कैसा है?
बाहर से देखने पर यह सामान्य ब्लैक या डार्क ब्लू कवर वाला पासपोर्ट जैसा ही है. कवर पर नीचे एक छोटा सा गोल्डन चिप का साइन बना होता है, जो बताता है कि यह E-पासपोर्ट है. असली चिप पासपोर्ट की कवर में या अंदरूनी पेज में लगी होती है, जो मशीन से स्कैन हो सकती है.
ई-पासपोर्ट के लिए आवेदन कैसे करें?
ई-पासपोर्ट के लिए आवेदन करने के लिए, व्यक्ति को आधिकारिक पासपोर्ट सेवा प्लेटफॉर्म पर जाना होगा और नीचे दिए गए चरणों का पालन करना होगा.
ई-पासपोर्ट के लाभ
ई-पासपोर्ट के कई फायदे हैं. जैसे- इसकी मदद से फास्ट इमिग्रेशन प्रोसेस (एयरपोर्ट पर जल्दी चेक-इन), डेटा सिक्योरिटी ज्यादा मजबूत, नकली पासपोर्ट बनाना मुश्किल, इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के हिसाब से अपग्रेडेड करना आसान है. इसके अलावा इसके और भी कई फायदे हैं.
उन्नत सुरक्षा(Enhanced security): चिप पासपोर्ट के सामने के कवर पर स्थित होती है और इसमें आपका नाम, पासपोर्ट नंबर, जन्मतिथि और बायोमेट्रिक विवरण जैसे कि आपकी तस्वीर और उंगलियों के निशान सुरक्षित रूप से दर्ज होते हैं।
छेड़छाड़-रहित(Tamper-proof): उनके एन्क्रिप्शन और सुरक्षित चिप प्रौद्योगिकी के कारण, ई-पासपोर्ट के जाली होने या नकल होने की संभावना कम होती है.
संपर्क रहित रीडिंग (Contactless reading): आव्रजन अधिकारी पासपोर्ट को पूरी तरह खोले बिना या बारकोड स्कैन किए बिना चिप को तेजी से पढ़ सकते हैं.
वैश्विक उपयोग (Global Use): पासपोर्ट अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हैं, इसलिए इनका उपयोग विश्व स्तर पर परेशानी मुक्त यात्रा के लिए किया जा सकता है.
क्या इसे साथ नहीं रखना पड़ता?
नहीं, E-पासपोर्ट भी फिजिकल डॉक्युमेंट है. इसे आपको यात्रा के दौरान साथ रखना ही पड़ता है. फर्क बस इतना है कि इसमें इलेक्ट्रॉनिक चिप लगी होती है, जिससे एयरपोर्ट पर स्कैनिंग तेज होती है. पूरी तरह डिजिटल या मोबाइल में सेव वर्जन अभी भारत में लागू नहीं हुआ है.
कब से मिल रहा है E-पासपोर्ट?
भारत में 2022 से ट्रायल बेस पर E-पासपोर्ट जारी होने शुरू हुए हैं. फिलहाल कुछ शहरों और चुनिंदा लोगों को यह जारी किए जा रहे हैं. आने वाले सालों में सभी नए पासपोर्ट को E-पासपोर्ट में बदलने की योजना है.
कौन बनवा सकता है?
अगर आप नया पासपोर्ट बनवा रहे हैं या पुराने का रिन्यूअल करा रहे हैं, तो आपको E-पासपोर्ट मिलने की संभावना है, बशर्ते वो आपके शहर में उपलब्ध हो. अगर आप चाहें तो मैं आपको बता सकता हूं कि आपके शहर में E-पासपोर्ट मिल रहे हैं या नहीं.