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Chandrayaan-3: 'आदिपुरुष' से भी कम बजट में तैयार हुआ चंद्रयान-3, दो साल पहले होना था लॉन्च

Chandrayaan-3 All you need to know: पिछले मून मिशन के मुकाबले चंद्रयान-3 को सबसे अधिक कॉस्ट इफेक्टिव बताया गया है. इसका मतलब है कि भारत चंद्रयान-2 मिशन के मुकाबले चंद्रयान-3 के लिए सबसे कम पैसा खर्च किया गया है. हाल में रिलीज हुई फिल्म 'आदिपुरुष' का बजट इससे ज्यादा बताया जा रहा है.

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Chandrayaan-3: कब शुरू हुआ था चंद्रयान-3 मिशन और कितना आया खर्च? यहां जानें
Chandrayaan-3: कब शुरू हुआ था चंद्रयान-3 मिशन और कितना आया खर्च? यहां जानें

Chandrayaan-3 All you need to know: भारत के लिए आज ऐतिहासिक दिन है. चांद के दक्षिणी धुव्र पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग के साथ भारत ऐसा करने वाला पहला देश बन जाएगा. आज (23 अगस्त 2023) शाम 06:04 बजे अगर चंद्रयान-3 लैंडर 'विक्रम' की लैंडिंग सफल रही तो भारत- अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथी अंतरिक्ष महाशक्ति बन जाएगा. 23 अगस्त से 5 सितंबर के बीच दक्षिणी ध्रुव पर धूप निकलेगी, जिसकी मदद से चंद्रयान का रोवर चार्ज हो सकेगा और अपने मिशन को पूरा करेगा. आइए- जानते हैं इस मिशन के चांद तक पहुंचने कितना समय और पैसा लगा है.

चंद्रयान-3 का सफर
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चंद्रयान-2 के विफल होने के बाद से ही चंद्रयान-3 की तैयारी शुरू कर दी गई थी. 22 जुलाई, 2019 को 14:43 बजे सतीश धवन अंतरिक्ष केन्‍द्र (एस डी एस सी), श्रीहरिकोटा से जी एस एल वी- मार्क-III एम1 द्वारा चंद्रयान-2 लॉन्च किया गया था. 20 अगस्त को चंद्रयान-2 अतंरिक्ष यान चांद की कक्षा में प्रवेश भी कर गया, लेकिन 02 सितंबर को चांद की ध्रूवीय कक्षा में चांद का चक्कर लगाते समय लैंडर 'विक्रम' अलग हो गया और सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर लैंडर का स्पेस सेंटर से संपर्क टूट गया.

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जब देश चंद्रयान-2 की नाकामयाबी से निराश था, तब इसरो अपने तीसरे मिशन की ओर देख रहा था. दिसंबर 2019 में इसरो ने कथित तौर पर मिशन के लिए 75 करोड़ रुपये की प्रारंभिक वित्तीय फंड की मांग की थी. जनवरी 2020 की एक रिपोर्ट के अनुसार, इसरो के पूर्व चेयरमैन के सिवन ने अंतरिक्ष यान के लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल की लागत का पूरा अनुमान लगा लिया था. इसरो इसे 2021 में ही लॉन्च करने वाला था, लेकिन कोविड महामारी की वजह से इसमें देरी हुई और आखिर में 14 जुलाई, 2023 को लॉन्च हुआ. 

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चंद्रयान-3 लॉन्च से लैंडिंग की टाइमलाइन
14 जुलाई 2023: इसरो ने चंद्रयान-3 को लॉन्च किया और पृथ्वी के चारों ओर इच्छित अण्डाकार कक्षा में इंजेक्ट किया.
15 जुलाई 2023: इसरो ने अंतरिक्ष यान को पृथ्वी की ओर बढ़ाने वाली पहली प्रक्रिया (अर्थबाउंड फायरिंग -1) पूरी की. 
01 अगस्त 2023: चंद्रयान-3 को पृथ्वी की कक्षा से निकालकर चंद्रमा की कक्षा की ओर बढ़ाया.
05 अगस्त 2023: यान चंद्रमा की पहली 40 हजार किमी वाले कक्षा में में प्रवेश किया.
06 अगस्त 2023: चंद्रयान-3 दूसरे 20 हजार वाले कक्षा में प्रवेश किया.
09 अगस्त 2023: तीसरी कक्षा बदलकर यह 5 हजार किमी वाले कक्षा में स्थापित हुआ.
14 अगस्त 2023: चौथे कक्षा में 1 हजार किमी में प्रवेश किया.

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16 अगस्त 2023: यह चंद्रमा के सबसे निकट 100 किमी वाली कक्षा में स्थापित हुआ. 
17 अगस्त 2023: चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन माड्यूल से लैंडर और रोवर अलग हो गए. लैंडर चंद्रमा की सतह की ओर आगे बढ़ता रहा.
18 अगस्त 2023: विक्रम लैंडर डिबूस्टिंग प्रक्रिया सफल रही. 
20 अगस्त 2023: लैंडर ने दूसरी बार डिबूस्टिंग प्रक्रिया पूरी की और चांद के काफी करीब पहुंच गया है.
23 अगस्त 2023: शाम 6 बजकर 4 मिनट पर विक्रम लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर उतरेगा. 

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चंद्रयान-3 मून मिशन में कितना खर्च आया
पहले के मून मिशन के मुकाबले चंद्रयान-3 को सबसे अधिक कॉस्ट इफेक्टिव बताया गया है. इसका मतलब है कि भारत चंद्रयान-2 मिशन के मुकाबले चंद्रयान-3 के लिए सबसे कम पैसा खर्च किया गया है.  चंद्रयान-3 के मिशन का वित्तीय बजट (Chandrayaan-3 Budget) 615 करोड़ रुपये यानी करीब 75 मिलियन डॉलर है. इसरो के पूर्व चेयरमैन के सिवन के मुताबिक, इस मिशन का अप्रूव्ड कॉस्ट लगभग 250 करोड़ है. हालांकि इसमें लॉन्च व्हीकल की लागत शामिल नहीं है. लॉन्च सर्विस की लागत 365 करोड़ थी, ऐसे में पूरे मिशन की लागत 615 करोड़ के आसपास है. एक रिपोर्ट के अनुसार, आदिपुरुष फिल्म का 700 करोड़ रुपये था, जो चंद्रयान-3 से करीब 100 करोड़ रुपये ज्यादा है.

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चंद्रयान-2 का बजट
वहीं चंद्रयान-2 भारत का सबसे महंगा लूनर मिशन रहा है, जानकारी के मुताबिक, मिशन में लैंडर, ऑर्बिटर, रोवर, नेविगेशन और ग्राउंड सपोर्ट नेटवर्क की लागत 603 करोड़ थी, जबकि जियो-स्टेशनरी सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल की लागत 375 करोड़ थी, जिससे की चंद्रयान 2 का टोटल बजट 978 करोड़ पर पहुंचा था.

 

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