scorecardresearch
 
Advertisement
नॉलेज

देखें- उस स्पेसक्राफ्ट की इनसाइड तस्वीरें, जिसमें बैठकर शुभांशु ने भरी अंतरिक्ष में उड़ान!

भारत ने रचा इतिहास
  • 1/11

भारत एक बार फिर से इतिहास रच चुका है. भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला बुधवार यानी आज इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए रवाना हो चुके  हैं. 
 

 28 घंटे की यात्रा के बाद ISS से होगा डॉक
  • 2/11

आपको बता दें कि भारत के शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर एक्सिओम-4 मिशन, कैनेडी स्पेस सेंटर के कॉम्प्लेक्स 39ए से उड़ान भर चुके हैं. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि 28 घंटे की यात्रा के बाद, अंतरिक्ष यान गुरुवार को शाम करीब 04:30 बजे के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से डॉक होगा. 

7000 किलोमीटर की स्पीड से वायुमंडल को किया पार
  • 3/11

7000 किलोमीटर की स्पीड से वायुमंडल को यह यान पार कर गया है. इस बार अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस स्टेशन पर करीब 14 दिन गुजारने हैं. नए लॉन्च स्लॉट का ऐलान मंगलवार सुबह हुआ था. यह मिशन एक्सिओम स्पेस का हिस्सा है, जो एक निजी एयरोस्पेस कंपनी है.  
 

Advertisement
7 बार टाला गया मिशन
  • 4/11

इससे पहले इस मिशन को 7 बार टाला जा चुका है. जिसका कारण लॉन्च व्हीकल में दिक्कतें और आईएसएस के ज़्वेज़्दा (Zvezda) मॉड्यूल पर दबाव  बताया गया था.

शुभांशु शुक्ला ड्रैगन कैप्सूल के साथ तीन क्रू मेंबर्स भी साथ में रवाना
  • 5/11

भारत के लाल शुभांशु शुक्ला ड्रैगन कैप्सूल के साथ तीन क्रू मेंबर्स के भी साथ में रवाना हुए हैं. इस मिशन की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग के बाद पूरे देश में  जश्न का माहौल है. नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से फाल्कन 9 ने सफलतापूर्वक उड़ान भरी है. 

 14 दिन की होगी यात्रा
  • 6/11

यह शुभांशु शुक्ला के ऐतिहासिक एक्सिओम-4 मिशन की लॉन्चिंग है. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर कमर्शियल क्रू मिशन को ऑपरेट करने वाले पहले भारतीय के रूप में शुभांशु शुक्ला और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री अब 14-दिन के वैज्ञानिक अभियान पर सवार होकर जा रहे हैं. 
 

"मेरे बेटे की उपलब्धि न केवल लखनऊ नहीं बल्कि पूरे देश के लिए गौरव की बात है''.
  • 7/11

यह लॉन्चिंग न केवल शुभांशु शुक्ला के लिए बल्कि अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की बढ़ती उपस्थिति के लिए भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. इस मौके पर शुभांशु शुक्ला के पिता शंभू दयाल ने कहा- "मेरे बेटे की उपलब्धि न केवल लखनऊ नहीं बल्कि पूरे देश के लिए गौरव की बात है. हम शुभांशु के मिशन को लॉन्च होते देखने के लिए बहुत उत्सुक हैं. 

''राज्य और हमारे देश का नाम रोशन कर रहे हैं, हमें उन पर गर्व है''
  • 8/11

हम बहुत खुश हैं. हमारा आशीर्वाद उनके साथ है और हम ईश्वर से भी प्रार्थना करते हैं कि उनका मिशन अच्छी तरह से पूरा हो. वह पूरी तरह से तैयार हैं, उनके लिए लगाए गए सभी पोस्टर देखकर बहुत अच्छा लग रहा है. वह लखनऊ, राज्य और हमारे देश का नाम रोशन कर रहे हैं, हमें उन पर गर्व है."

नील आर्मस्ट्रांग ने भी यहीं से हुए थे रवाना
  • 9/11

कैनेडी स्पेस सेंटर का लॉन्च पैड 39 नासा के सबसे प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक लॉन्च स्थलों में से एक है. इसी जगह से 1969 में नील आर्मस्ट्रांग और उनके साथी चंद्रमा के लिए रवाना हुए थे. 
 

Advertisement
स्पेसक्राफ्ट के अंदर से शुभांशु शुक्ला ने दिया पहला मैसेज
  • 10/11

स्पेसक्राफ्ट के अंदर से शुभांशु शुक्ला ने पहला मैसेज दिया. उन्होंने कहा कि नमस्कार,  मेरे प्यारे देशवासियों, what a ride... 41 साल बाद हम वापस अंतरिक्ष में पहुंच गए हैं. और कमाल की राइड थी. इस समय हम 7.5 किलोमीटर प्रतिसेकेंड की रफ्तार से पृथ्वी के चारों तरफ घूम रहे हैं. और मेरे कंधे पर मेरे साथ मेरा तिरंगा है, जो मुझे बता रहा है कि मैं अकेले नहीं  हूं, मैं आप सबके साथ हूं. ये मेरी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक की जर्नी की शुरुआत नहीं है, ये भारत की ह्यमन स्पेस प्रोग्राम की शुरुआत है. और मैं चाहता हूं कि सभी देशवासी इस यात्रा का हिस्सा बने. आपका भी सीना गर्व से चौड़ा होना चाहिए. आप भी उतना ही एक्साइटमेंट दिखाइए. आइए हम सब मिलकर भारत की इस ह्यमन स्पेस जर्नी की शुरुआत करें. धन्यवाद, जय हिंद, जय भारत

 "41 साल बाद फिर अंतरिक्ष में लहराएगा भारत का परचम."
  • 11/11

मिशन लॉन्चिंग से पहले शुभांशु शुक्ला ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया. इसमें उन्होंने लिखा, "41 साल बाद फिर अंतरिक्ष में लहराएगा भारत का परचम."

Advertisement
Advertisement