अकबर का उत्तराधिकारी सलीम था.अकबर के स्थान पर उसके बेटे सलीम ने तख्तोताज संभाला, जिसने जहांगीर की उपाधि पाई. जहांगीर का अर्थ होता है दुनिया का विजेता. उसने कांगड़ा और किश्वर के अतिरिक्त अपने राज्य का विस्तार किया और मुगल साम्राज्य में बंगाल को भी शामिल कर दिया. जहांगीर को न्याय की जंजीर के लिए भी याद किया जाता है:
(1) अकबर का जन्म 30 अगस्त 1569 ई में हुआ था.
(2) अकबर ने सूफी संत शेख सलीम चिश्ती के नाम पर अपने बेटे का नाम सलीम रखा था.
(3) जहांगीर द्वारा शुरू की गई किताब तुजुक-ए-जहांगीर नाम की आत्मकथा को पूरा करने का का श्रेय मौतबिंद खान को जाता है.
(4) जहांगीर के पांच बेटे थे- (i) खुसरो (ii) खुर्रम (iii) शहरयार (iv) जहांदार
(5) जहांगीर के सबसे बड़े बेटे खुसरो ने 1606 ई में अपने पिता के विरूद्ध विद्रोह कर दिया था.खुसरो और जहांगीर की सेना के बीच युद्ध जलांधर के पास हुआ और खुसरो को जेल में डाल दिया गया.
खुसरो की सहायता करने के लिए जहांगीर ने सिक्खों के 5वें गुरु अर्जुन देव को फांसी दिलवा दी. खुसरो गुरु से गोइंदवाल में मिला था.
1622 ई में कंधार मुगलों के हाथ से निकल गया. इस पर शाह अब्बास ने अधिकार कर लिया.
(6) जहांगीर को न्याय की जंजीर के लिए भी याद किया जाता है. ये जंजीर शाहजहां ने सोने की बनवाई थी. जो आगरे के किले शाहबुर्ज और यमुना तट पर स्थित पत्थर के खंबे में लगवाई हुई थी.
(7) नूरजहां ईरानी निवासी मिर्जा ग्यास बेद की बेटी थी. उनका वास्तविक नाम मेहरून्निसा था. 1549 ई में नूरजहां का विवाह अलीकुली बेग से हुआ. जहांगीर ने अलीकुली बेग को एक शेर मारने के कारण शेर अफगान की उपाधि दी थी. 1607 ई में शेर अफगान की मौत के बाद मेहरून्निसा अकबर की विधवा सलीमा बेगम की सेवा में नियुक्त हुई. सबसे पहले जहांगीर ने नवरोज के अवसर पर मेहरून्निसा को देखा था और उससे 1611 ई में विवाह कर लिया. विवाह के बाद जहांगीर ने उसे नूरमहल और नूरजहां की उपाधि दी.
(8) मुगल चित्रकला जहांगीर के काल में अपनी चरम सीमा पर थी. वह स्वयं भी उत्तम चित्रकार और कला का पारखी था. इस समय के कलाकारों ने चटख रंग जैसे मोर के गले सा नीला और लाल रंग का प्रयोग करना और चित्रों को त्रि-आयामी प्रभाव देना प्रारंभ कर दिया था.
(9) जहांगीर के शासन काल के मशहूर चित्रकार थे मंसूर, बिशनदास और मनोहर.जहांगीर ने अपनी आत्मकथा में लिखा कि कोई भी चित्र चाहे वह किसी मृतक का हो या जीवित व्यक्ति द्वारा बनाया हो मैं देखते ही तुरंत बता सकता हूं कि ये किसकी कृति है.
(10) इतमाद-उद-दौला का मकबरा 1626 ई में नूरजहां बेगम ने बनवाया था.मुगलकालीन वास्तुकला के अंतर्गत यह पहली आसी इमारत थी जो सफेद संगमरमर से बनी थी.
(11) अशोक को कौशांबी स्तंभ पर समुंद्रगुप्त की प्रयाग प्रशस्ति और जहांगीर का लेख उत्कीर्ण है.
(12) जहांगीर के मकबरे का निर्माण नूरजहां ने करवाया था.
(13) जहांगीर के शासनकाल में कैप्टन हॉकिंस, सर टॉमस रो एडवर्ड टेरी जैसे यूरोपीय यात्री आए थे.