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PRT, TGT, PGT... कई तरह के टीचर्स होते हैं, इनमें क्या फर्क होता है?

देश कोई भी हो टीचर उसका रीढ़ माना जाता है. लेकिन टीचर बनने के लिए उन्हें भी कई परीक्षा को पास करना होता है. अलग-अलग पद के लिए अलग कोर्स करने होते हैं. इनमें PRT, TGT, PGT पोस्ट के टीचर शामिल होते हैं. आइए जानते हैं क्या हैं इनमें अंतर?

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शिक्षक बनने के लिए किन परीक्षाओं को पास करना होता है?
शिक्षक बनने के लिए किन परीक्षाओं को पास करना होता है?

टीचर बनना जितना मुश्किल है उतना ही सम्माजनक और जिम्मेदाराना पेशा होता है.भारत हो या और कोई भी देश टीचर उसके रीढ़ माना जाता है. शिक्षक बनने के लिए भी कड़ी मेहनत करना होती है. 

लेकिन बता दें कि टीचर भी कई तरह के होते हैं जैसे PRT, TGT, PGT. ऐसे में क्या आप इन तीनों के बीच का अंतर जानते हैं. आखिर कौन सा शिक्षक किस रोल के लिए काम करता है. 

अगर आप भी शिक्षक बनने के लिए अपना पहला प्रयास करने वाले हैं और आपको इसके बारे में नहीं मालूम है तो इस आर्टिकल के जरिए आपको इसके बारे में जानकारी मिल जाएगी. आप अपने क्वालिफिकेशन के हिसाब से अप्लाई कर सकते हैं.  

क्या होता है PRT, TGT, PGT में अंतर ?

प्राइमरी स्कूल टीचर(PRT)

PRT टीचर प्राइमरी कक्षा के बच्चों यानी की 1 से लेकर 5 तक के के बच्चों को पढ़ाते हैं. इसके लिए उन्हें ग्रेजुएशन के साथ डीएलएड और टीईटी पेपर 1 का पास करना जरूरी होता है. फिर वैकेंसी एग्जाम पास करने के बाद से मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है जिसमें इनका सलेक्शन होता है.  

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ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर्स (TGT)

TGT शिक्षक 6वीं से लेकर 10वीं तक के बच्चों को पढ़ते हैं. ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर बनने के लिए उन्हें B.Ed की परीक्षा पास करनी होती है. इसके साथ ही TET क्वालिफाइड होना चाहिए. 

पोस्ट ग्रेजुएट टीचर्स (PGT)

पोस्ट ग्रेजुएट टीचर्स हायर एजुकेशन के बच्चों को पढ़ाते है यानी की 11वीं और 12वीं को. इसके लिए उन्हें पोस्ट ग्रेजुएशन के साथ B.Ed की परीक्षा पास करना आवश्यक होता है.  

क्या है इनमें अंतर?

TGT और PGT में इस बात फर्क होता है कि TGT में ग्रेजुएशन के बाद B.Ed करना होता है और PGT शिक्षक बनने के लिए कैंडिडेट के पास B.Ed कोर्स के लिए अप्लाई करने से पहले या बाद में पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री होनी चाहिए.   
 

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