मेडिकल कोर्स में एडमिशन के लिए हर साल लाखों उम्मीदवार नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट यूजी (NEET UG) एग्जाम देते हैं. नीट यूजी परीक्षा साल में एक बार आयोजित की जाती है लेकिन छात्र इसे साल में दो बार आयोजित करने मांग करते हैं. हाल ही में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) को एक लिखित अनुरोध में कहा था कि नीट यूजी को साल में दो बार आयोजित किया जाना चाहिए. एनसीपीसीआर को अखिल भारतीय छात्र संघ (एआईएसयू) के सदस्य नवनीत सिंह से एक आवेदन प्राप्त होने के बाद अनुरोध भेजा गया था. अब नेशनल मेडिकल कमिशन (NMC) इसका जवाब देते हुए बताया है कि क्यों नीट यूजी एग्जाम साल में दो बार आयोजित किया जा सकता है.
साल में दो बार होना चाहिए नीट यूजी एग्जाम: NCPCR की मांग
एनसीपीसीआर की ओर से अनुरोध में दावा किया गया था कि साल में दो बार NEET UG आयोजित करना आवेदकों के लिए एक बड़ी राहत होगी. यदि उम्मीदवार अपने पहले प्रयास में असफल होते हैं तो उनके पास मेडिकल सीटों के लिए प्रयास करने का एक और मौका होगा. एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो की ओर से एनटीए को लिखे अपने पत्र में धर्मेंद्र भंडारी ने कहा, इससे छात्रों को पूरे साल इंतजार नहीं करना पड़ेगा और जो अच्छा स्कोर प्राप्त करने में सक्षम होंगे उन्हें प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में एडमिशन दिया जाएगा.
क्यों साल में दो बार आयोजित नहीं हो सकती नीट यूजी परीक्षा?
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने हाल ही में कहा था कि नीट यूजी को साल में दो बार आयोजित करना संभव नहीं होगा क्योंकि काउंसलिंग के दौरान सभी एमबीबीएस सीटें भर जाती हैं. एनएमसी ने आगे कहा कि परीक्षा आयोजित करने में भारी मात्रा में धन और अन्य संसाधन शामिल हैं और इसे दो बार आयोजित करने से 'सरकारी खजाने पर अनुचित बोझ' पड़ेगा. आयोग ने सुझाव दिया कि उम्मीदवारों को अगले साल मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम के लिए आवेदन करना होगा.
इस साल बढ़े 50 नए मेडिकल कॉलेज
NMC द्वारा 50 नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी मिलने के बाद अब देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 702 हो गई है. सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मेडिकल कॉलेजों में इस साल 8,195 नई सीटें जोड़ी गई हैं. 2014 से पहले जहां देश में मेडिकल सीटों की संख्या 51,348 थी, वह अब 1.07 लाख हो गई हैं. 50 नए कॉलेज आंध्र प्रदेश, असम, गुजरात, हरियाण, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, नागालैंड, ओड़िशा, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में हैं. इन मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) हर साल 13 अलग-अलग भाषाओं में एक राष्ट्रीय स्तर की स्नातक मेडिकल प्रवेश परीक्षा आयोजित करता है. NEET UG 2023 7 मई 2023 को 20,87,449 संभावित मेडिकल छात्रों को ऑफ़लाइन मोड में दिया गया था.