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DU Orphan Quota Admission: सैकड़ों अनाथ बच्चों का भविष्य बदलेगा डीयू, बिना फीस हो रहा एडमिशन

DU Orphan Quota Admission: दिल्ली यूनिवर्सिटी ने साल 2023 में 101 बच्चों को इस कोटा के तहत दाखिला मिला है जिसमें हर कोर्स में एक मेल और एक फीमेल कैंडिडेट के लिए सीट रिजर्व रखा गया है.

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दिल्ली यूनिवर्सिटी
दिल्ली यूनिवर्सिटी

DU Orphan Qouta Admission: दिल्ली यूनिवर्सिटी ने साल 2023 में दाखिले से पहले एक ऐसा सकारात्मक कदम उठाया जिसकी मदद से सैकड़ों ऐसे बच्चों का भविष्य बदल जाएगा जिन्होंने अपने माता पिता को खो दिया है. दिल्ली यूनिवर्सिटी ने इस साल से अनाथ बच्चों का कोटा (DU Orphan Qouta Admission) के तहत देश भर के बच्चों को दाखिला दिया है. 

101 बच्चों को मिला कोटा एडमिशन
इस साल 101 बच्चों को इस कोटा के तहत दाखिला मिला है जिसमें हर कोर्स में एक मेल और एक फीमेल कैंडिडेट के लिए सीट रिजर्व रखा गया है. यूनिवर्सिटी की कोशिश है आने वाले सालों में इन सीटों को और बढ़ाया जा सके, जिसकी मदद से देश भर के बच्चे दिल्ली यूनिवर्सिटी से अपनी शिक्षा पूरी कर सकें. खास बात ये है कि अनाथ बच्चों के लिए दाखिले के साथ शिक्षा नि:शुल्क रखी गई है यानी किसी भी बच्चे को कॉलेज की फीस नहीं देनी होगी.

कोविड-19 की वजह से अनाथ हुए बच्चों से नहीं ली फीस
साल 2023 में ऑर्फेन कोटा के तहत 3 बच्चों ने बीटेक ने एडमिशन लिया है, 79 बच्चों ने अंडर ग्रेजुएशन में एडमिशन लिया है और 17 बच्चों ने पोस्ट ग्रेजुएशन में एडमिशन लिया है. वहीं कोरोना काल में बहुत से बच्चों ने अपना माता पिता को खो दिया जिसके बाद उन बच्चों की मदद करने के लिए और उनकी शिक्षा को जारी रखने के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी ने ऐसे सभी बच्चों से फीस नहीं ली और उनकी पढ़ाई को जारी रखा.

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इन स्टूडेंट्स के लिए हॉस्टल भी फ्री
दिल्ली यूनिवर्सिटी में ऑर्फेन कोटे के तहत शुरू किए गए इस खास एडमिशन को लेकर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर योगेश सिंह ने बताया कि अभी इस रिजर्वेशन के तहत एडमिशन मिलने की शुरुआत हुई है, धीरे धीरे इसके तहत और एडमिशन होंगे. ऑर्फन कोटे के तहत किए गए एडमिशन में बच्चों से फीस नहीं ली जाएगी साथ ही जो बच्चे  आर्थिक रूप से कमज़ोर है या जिनकी मदद के लिए कोई रिश्तेदार नहीं है उनके लिए हॉस्टल भी फ्री होगा. आने वाले दिनों में बच्चों को अलग अलग स्कीम के तहत बच्चों को इंटर्नशिप प्रोग्राम में शामिल किया जाएगा जिससे बच्चों को कॉलेज के स्तर से ही मदद मिलना शुरू हो जाए इसका मकसद है कि पैसों की तंगी से किसी बच्चे की पढ़ाई न बंद हो.

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