तत्कालीन प्रधाममंत्री नरसिम्हा राव के करीबी माने जाने वाले तांत्रिक चंद्रास्वामी का विवादों से भी पुराना नाता था. यही वजह थी कि एक मामले में उन्हें जेल की हवा खानी पड़ी थी. उनके खिलाफ फेमा के तहत कई मामले दर्ज किए गए थे.
चंद्रास्वामी का असली नाम नेमिचंद जैन था. उनका जन्म 1948 में हुआ था. नेमिचंद बचपन में ही अपने पिता के साथ रहने के लिए हैदराबाद शहर चले गए थे. 90 के दशक में उनका नाम उस वक्त सुर्खियों में आया था. जब पीवी नरसिम्हाराव 1991 में देश के प्रधानमंत्री बने थे.
पीएम से सीधे संपर्क की वजह से तांत्रिक चंद्रास्वामी उस दौर में एक प्रभावशाली व्यक्ति बन गए थे. उसी वक्त चंद्रास्वामी ने राजधानी दिल्ली में अपना एक आश्रम भी बनाया था. इसी के साथ कई विवाद भी उनके जीवन से जुड़े रहे. जिनमें सबसे बड़ा मामला था फेमा का. जिसकी वजह से चंद्रास्वामी को 1996 में जेल जाना पड़ा था.
दरअसल, चंद्रास्वामी पर लंदन के एक कारोबारी से एक लाख डॉलर की धोखाधड़ी करने का आरोप था. इसके अलावा उनके खिलाफ विदेशी मुद्रा उल्लंघन यानी फेमा के कई मामले भी चल रहे थे. 1996 में हालात इतने विकट हो गए थे कि अदालत ने चंद्रास्वामी को जेल भेज दिया था.
हालांकि चंद्रास्वामी को बाद में दिल्ली की एक अदालत ने फेरा उल्लंघन मामले में बरी भी कर दिया. उस मामले में एक अन्य आरोपी भी शामिल था, जिसका नाम कैलाश नाथ अग्रवाल था. लेकिन कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान कैलाश नाथ की मौत हो गई.
जब जांच एजंसी को तांत्रिक चंद्रास्वामी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला था. बताया जाता है कि कई बड़े राजनेताओं समेत कई बड़े कारोबारी भी चंद्रास्वामी के भक्त थे. जिनमें ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर का नाम भी शामिल था.