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सागर धनखड़ हत्याकांड मामले में लॉकअप में क्यों लगानी पड़ गई अदालत?

सागर धनखड़ हत्याकांड मामले में अदालत ने बड़ा फैसला लेते हुए लॉकअप में ही सुनवाई की. आरोपियों की जान को खतरा बताया गया था, ऐसे में जज ने लॉकअप में ही सुनवाई करने का फैसला किया. अब नवंबर में इस मामले में आरोपियों के खिलाफ ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा.

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पहलवान सागर धनखड़ हत्याकांड में रेसलर सुशील कुमार आरोपी है
पहलवान सागर धनखड़ हत्याकांड में रेसलर सुशील कुमार आरोपी है

सागर धनखड़ हत्याकांड मामले में सुनवाई के दौरान सुरक्षा कारणों से सुशील कुमार सहित दूसरे आरोपियों की अदालत में पेशी नही हो पाई है. ऐसे में हालात की नजाकत भांपते हुए न्यायाधीश खुद लॉकअप में सुनवाई के लिए पहुंच गए.

इस चर्चित हत्याकांड में मुख्य आरोपी इंटरनेशनल पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार समेत कुल 20 आरोपियों के खिलाफ 10 नवम्बर से ट्रायल शुरू होगा. अब तक नामजद 20 आरोपियों में से दो अभी फरार हैं. बाकी 18 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय हो चुके हैं. आरोप तय होने के बाद ट्रायल के लिए पहली बार ये सभी आरोपी शनिवार को रोहिणी कोर्ट में पेश किए जाने थे.

इसी दौरान पता चला कि आरोपियों को लॉकअप से अदालत कक्ष तक लाने में खतरा है. लिहाजा किसी भी अप्रत्याशित घटना की आशंका से जज साहब ने इस मामले की सुनवाई लॉकअप रूम में ही करने का फैसला लिया. लॉकअप में ही कोर्ट का इजलास लगाया गया. सुनवाई हुई और ट्रायल शुरू करने की तिथि तय की गई.

लॉकअप में हुई सुनवाई के दौरान 18 मौजूद आरोपियों में से किसी ने भी जज के सामने अपना अपराध स्वीकार नहीं किया. इसके बाद कोर्ट ने 10 नवम्बर से इस मामले का ट्रायल शुरू करने के आदेश दे दिए. अब 10 नवम्बर को इस मामले में ट्रायल की शुरुआत अभियोजन पक्ष की दलीलों और गवाहों के बयान यानी गवाही से होगी.

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पहले साक्ष्य, गवाही फिर क्रॉस एग्जामिनेशन जिरह और फिर फैसला आएगा. हालांकि इन सभी चरणों में समय पूरा ही लगता है. कई बार तो बरसों नहीं दशकों लग जाते हैं.

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