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MHA की आईडी, लाल बत्ती कार और भौकाल... गुरुग्राम में 12वीं पास 'IAS अफसर' ऐसे हुआ गिरफ्तार

गुरुग्राम पुलिस ने एक ऐसे ठग को गिरफ्तार किया है, जिसने 12वीं पास होने के बावजूद खुद को गृह मंत्रालय का आईएएस अधिकारी बताकर न केवल रौब जमाया, बल्कि नौकरी और तबादले के नाम पर लोगों से मोटी रकम भी वसूल कर ली.

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गुरुग्राम पुलिस ने एक शातिर ठग को गिरफ्तार किया है. (Representative Image:  ITG)
गुरुग्राम पुलिस ने एक शातिर ठग को गिरफ्तार किया है. (Representative Image: ITG)

गुरुग्राम पुलिस ने एक ऐसे ठग को गिरफ्तार किया है, जिसने 12वीं पास होने के बावजूद खुद को गृह मंत्रालय का आईएएस अधिकारी बताकर न केवल रौब जमाया, बल्कि नौकरी और तबादले के नाम पर लोगों से मोटी रकम भी वसूल कर ली. पुलिस ने उसके पास से लाखों की नकदी, कई फर्जी पहचान पत्र, सरकारी मोहरें, लाल-नीली बत्ती और कई संदिग्ध दस्तावेज़ बरामद किए है.

जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार शख्स की पहचान 31 वर्षीय जय प्रकाश पाठक के रूप में हुई है. वो उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के रघुईपुर गांव का रहने वाला है. वो गुरुग्राम के सेक्टर-22ए में किराए के मकान में रहकर अपनी फेक अफसरगिरी का खेल कर रहा था. पुलिस को उसकी संदिग्ध गतिविधियों के बारे में गुप्त सूचना मिली थी. एक शख्स को नौकरी का झांसा देकर पैसे ठगे थे.

सूचना के आधार पर पुलिस की एक टीम ने रविवार को उसके घर पर छापा मारा. उस वक्त आरोपी दूसरी मंजिल के बरामदे में खड़ा था. पुलिस को देखते ही छत की ओर भागा, लेकिन टीम ने उसे तुरंत दबोच लिया. तलाशी में आरोपी के पास से 2.5 लाख रुपए नकद, गृह मंत्रालय का फर्जी आईडी कार्ड, तीन आधार कार्ड, नकली शस्त्र लाइसेंस और आयुष्मान कार्ड मिले हैं.

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वरिष्ठ आईएएस बताकर लोगों पर जमाता था धाक

इसके साथ ही पैन कार्ड, पासपोर्ट, दो सरकारी मोहरें, छह मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, वॉकी-टॉकी सेट और लाल-नीली बत्ती भी बरामद की गई है. उसकी कार भी जब्त की गई, जिस पर आगे और पीछे भारत सरकार लिखा हुआ था. पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि जय प्रकाश पाठक ने केवल 12वीं तक पढ़ाई की है, लेकिन खुद को गृह मंत्रालय का वरिष्ठ आईएएस बताकर लोगों पर धाक जमाता था. 

विलासितापूर्ण जिंदगी के लिए अपना ठगी का रास्ता

आरोपी सरकारी कनेक्शन और रुतबे का हवाला देकर पीड़ितों को नौकरी या तबादला दिलाने का भरोसा देता और लाखों रुपये ऐंठ लेता. पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने माना कि अपनी और परिवार की विलासितापूर्ण जिंदगी के लिए उसने यह ठगी का रास्ता अपनाया. उसके खिलाफ उत्तर प्रदेश में भी इसी तरह के कई केस दर्ज हैं, जिनमें उसने फर्जी अधिकारी बनकर ठगी की थी. 

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