कर्नाटक के धर्मस्थल सामूहिक दफनाने के बहुचर्चित मामले में आरोपी 'मास्क मैन' चिन्नय्या को जेल से रिहा कर दिया गया है. जमानत मिलने के 23 दिन बाद उसको बुधवार की शाम शिवमोग्गा जेल से छोड़ा गया. उसकी रिहाई उस वक्त संभव हो सकी, जब उनकी पत्नी मल्लिका ने बेल्थांगडी कोर्ट में सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर ली.
मल्लिका ने कोर्ट में 1 लाख रुपए का बॉन्ड भरा और दो जमानतदार पेश किए. इसके बाद वह बेल्थांगडी से सीधे शिवमोग्गा जेल पहुंचीं, जहां से चिन्नय्या को रिहा किया गया. चिन्नय्या को 24 नवंबर को 12 सख्त शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी, लेकिन बॉन्ड नहीं भर पाने के कारण वो लगातार न्यायिक हिरासत में था.
धर्मस्थल मामले की जांच कर रही एसआईटी पहले ही अदालत में 3900 पन्नों की चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. एसआईटी ने यह चार्जशीट बेल्थांगडी स्थित प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में बीएनएसएस की धारा 215 के तहत पेश की थी. इस चार्जशीट में कुल 6 लोगों को आरोपी बनाया गया है.
एसआईटी के मुताबिक, इन आरोपियों पर झूठी जानकारी देने और जांच को गुमराह करने के गंभीर आरोप हैं. जांच एजेंसी का दावा है कि शिकायतकर्ता और उसके साथियों ने सामूहिक दफन से जुड़ी जानकारी या तो गलत दी या फिर तथ्यों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया. इन लोगों ने सबसे पहले धर्मस्थल में कई शव दफन होने का दावा किया था.
इस मामले की जांच आगे बढ़ते ही कहानी पलट गई. शिकायतकर्ता ही आरोपी बन गए. चार्जशीट में जिन 6 लोगों के नाम शामिल हैं. इनमें महेश शेट्टी टिमरोडी, गिरीश मट्टनवर, टी जयंत, विट्ठल गौड़ा, सुजाता भट और एक व्यक्ति शामिल है. इस केस में आगे की कानूनी प्रक्रिया अदालत में चल रही है, जबकि एसआईटी मजबूत पैरवी की तैयारी में है.