राजधानी दिल्ली एक बार फिर बदमाशों के हौसले बुलंद हैं. पिछले 24 घंटे में दो अलग-अलग जगहों पर खून-खराबा हुआ है. दक्षिण दिल्ली से लेकर पूर्वी दिल्ली तक, अपराधियों ने कानून-व्यवस्था को धता बता दिया. कहीं कांग्रेस नेता को दिनदहाड़े गोलियों से भून दिया गया, तो कहीं बच्चों की आपसी लड़ाई खून-खराबे में तब्दील हो गई. इन वारदातों ने एक बार फिर राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
कांग्रेस नेता का मर्डर
दक्षिण दिल्ली के पॉश इलाके मालवीय नगर में सुबह का वक्त था. विजय मंडल पार्क, बेगमपुर के पास कांग्रेस के स्थानीय नेता लखपत सिंह कटारिया मॉर्निंग वॉक पर निकले थे. तभी बाइक पर आए दो बदमाशों ने उन्हें निशाना बनाकर गोलियां दाग दीं. गोली लगने से लखपत कटारिया खून लथपथ हो गए. उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया. वारदात के बाद से इलाके में दहशत फैल गई.
पुलिस के मुताबिक, इस फायरिंग की PCR कॉल सुबह 9:53 बजे पुलिस को मिली थी. लखपत कटारिया की उम्र करीब 55 साल थी और वह बेगमपुर के रहने वाले थे. शुरुआती जांच में सामने आया कि हमलावर दो लोग थे, जो वारदात को अंजाम देकर बाइक से फरार हो गए. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और इलाके की सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है, लेकिन अब तक हत्या का मकसद साफ नहीं हुआ है.
बच्चों ने खेली 'खून' की होली
दूसरी ओर, पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर में भी खून की होली खेली गई. वहां बच्चों के आपसी झगड़े ने जानलेवा रूप ले लिया. महज 13 साल के एक नाबालिग ने अपने 15 वर्षीय साथी करण पर चाकू से हमला कर उसकी हत्या कर दी. यह वारदात इतनी अचानक हुई कि इलाके में अफरा-तफरी मच गई और लोग सकते में आ गए.
हत्या की यह वारदात सीसीटीवी में कैद हो गई. तस्वीरों में आरोपी बच्चे को चाकू लेकर वारदात के बाद पुलिस के पास जाते हुए देखा गया. पुलिस ने तुरंत उसे हिरासत में ले लिया. इलाके के लोग इस घटना से बेहद गुस्से में हैं, खासकर इसलिए कि आरोपी और पीड़ित अलग-अलग धर्म से आते थे, जिससे तनाव का माहौल बन गया है.
दिल्ली में 24 घंटे के भीतर यह दूसरा खून था, जिसने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया कि राजधानी कितनी सुरक्षित है. बच्चों के बीच हुए इस झगड़े में जहां एक मासूम ने अपनी जान गंवाई, वहीं दूसरे बच्चे की जिंदगी जेल और बदनामी से बर्बाद हो जाएगी. सवाल यह भी उठ रहा है कि इतनी छोटी उम्र में बच्चों के हाथों में चाकू कैसे पहुंच रहे हैं.
इसी तरह दो दिन पहले एक और वारदात में पुलिसकर्मी खुद अपराधियों का शिकार बन गया था. जहां दिल्ली पुलिस के एक जवान पर हमला किया गया था, जिसने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे. हालांकि इस मामले में दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. जब राजधानी में पुलिस ही सुरक्षित नहीं है, तो आम नागरिकों की हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है। फिलहाल, पुलिस अधिकारी इन घटनाओं के पीछे की साजिश और अपराधियों को तलाश रही है.