मुंबई से उत्तर प्रदेश के बस्ती जा रहे एक प्रवासी मजदूर की ट्रेन में मृत्यु हो गई. शख्स का शव झांसी में मिला. गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने अंतिम संस्कार किया. जानकारी के मुताबिक, 23 मई को झांसी से एक श्रमिक एक्सप्रेस गोरखपुर के लिए रवाना हुई थी. यह ट्रेन गोरखपुर से होकर वापस झांसी भी आ गई.
झांसी में खाली ट्रेन को रेलवे यार्ड लाया गया. जहां ट्रेन को सैनिटाइज करते समय एक सफाई कर्मचारी की नजर ट्रेन में कोच के टॉयलेट में पड़ी, तो एक युवक का शव पड़ा था. यह देख वहां हड़कंप मच गया.
तलाशी के दौरान आधार कार्ड और कैश बरामद
इसकी सूचना उच्चाधिकारियों, आरपीएफ और जीआरपी को दी गई. सूचना मिलते ही जीआरपी, आरपीएफ और अधिकारी मौके पर पहुंचे. जहां शव को ट्रेन से उतरा गया. इसके बाद उसकी तलाशी ली गई. तलाशी के दौरान उसके पास से आधार कार्ड और 28 हजार रुपये नकद मिले. आधार कार्ड के अनुसार, शख्स का नाम मोहन शर्मा है और उसकी आयु 38 वर्ष है. शख्स की शिनाख्त बस्ती जिला के गौर क्षेत्र के हलुआ निवासी के रूप में हुई है.
शख्स की तस्वीर
बताया जा रहा है कि शख्स मुंबई में मजदूरी करता था. वह मुंबई से सड़क मार्ग से झांसी आया. झांसी में बॉर्डर से उसे रेलवे स्टेशन लाया गया. जहां से उसे गोरखपुर जाने वाली ट्रेन में बैठा दिया गया. आशंका जताई जा रही है कि जब वह ट्रेन के शौचालय में गया होगा तभी अचानक उसकी मौत हो गई. इसके बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया. साथ ही साथ ही सैंपल लेकर कोरोना जांच के लिए भेज दिया गया है.
परिवार में कमाने वाला कोई नहीं: पत्नी
मृतक मोहन शर्मा की पत्नी ने बताया कि वो मुंबई के अमरूत नगर में रहते थे. मुन्ना सेठ के कारखाना में काम करते थे. वो पिकअप गाड़ी चलाते थे. पत्नी ने कहा कि जब वो झांसी पहुंचे तो उन्होंने कॉल पर बताया कि जांच पड़ताल हो गई है. ट्रेन पर बैठ गया. उसके बाद बात नहीं हुई. पत्नी का कहना है कि परिवार में उनके सिवा कोई कमाने वाला नहीं, छोटे-छोटे बच्चे हैं.
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वहीं गांव के प्रधान ने बताया कि मृतक मोहन शर्मा के संबंधी झांसी जीआरपी के पास गए थे. फोन से उनसे बात हुई है. उन्होंने बताया कि तीन चार दिन पहले उनकी मृत्यु हो गई थी. उनकी लाश मिली है. जीआरपी ने दाह संस्कार कर दिया है. जीआरपी ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अभी नहीं आई है. तीन चार दिन में घर पोस्ट कर देंगे. इसके बाद ही पता चलेगा कि किन कारणों से मृत्यु हुई है.
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