उत्तर रेलवे ने 17 जून से दिल्ली क्षेत्र के 9 रेलवे स्टेशनों पर 503 आइसोलेशन कोच खड़े किए हैं. कम लक्षणों वाले मरीजों को आइशोलेट करने के लिए इन डिब्बों का उपयोग किया जा रहा है.
रेलवे का कहना है कि मरीजों के लिए तमाम सुविधाओं की व्यवस्था की गई है. प्लेटफॉर्मों की सफाई और स्वच्छता, सैनिटाइजेशन, हाउस-कीपिंग, बिजली की व्यवस्था, पानी, संचार सुविधाओं, जैसी तमाम चीजों का ख्याल रखा गया है, ताकि मरीजों को किसी तरह की दिक्कत न हो.
मरीजों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की भी सुविधा
इन कोचों में ऑक्सीजन सिलेंडर भी रेलवे द्वारा उपलब्ध कराए गए हैं. खान-पान की व्यवस्था भी रेलवे द्वारा की जा रही है. इसमें दिन में तीन समय का भोजन और सुबह एवं शाम की चाय शामिल होगी. जहां ये डिब्बे लगाए गए हैं, उस रेलवे स्टेशन एवं प्लेटफॉर्म की सुरक्षा, रेल सुरक्षा बल द्वारा की जाएगी जबकि दिल्ली पुलिस रेलवे स्टेशन के बाहर के इलाकों में सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेगी.
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कोरोना कोच में अलार्म सिस्टम
इन डिब्बों के निरीक्षण के दौरान रेल अधिकारी राजीव चौधरी ने प्रत्येक डिब्बों में अलार्म प्रणाली लगाने का सुझाव दिया था. इस सलाह पर अमल करते हुए रेलवे इंजीनियरों ने एक सर्किट सिस्टम विकसित किया है जिसे प्रत्येक कोविड कोच में लगाया जा रहा है. डिब्बों में लाइट और साउंड कनेक्शन वाला एक डिस्प्ले बोर्ड लगाया गया है जिससे डॉक्टर और चिकित्सा कर्मचारियों को रोगी द्वारा बुलाए जाने का पता चलेगा.
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आपातकालीन स्थिति में जैसे ही रोगी इस अलार्म प्रणाली का इस्तेमाल करेगा वैसे ही डिब्बे के बाहर लगी हुई लाल लाइट तेज आवाज के साथ जल उठेगी. साथ ही साथ इसकी सूचना डॉक्टरों के कोच में लगे डिस्प्ले बोर्ड पर कोच नम्बर और साउंड के साथ पहुंच जाएगी.