कोरोना संकट के बीच देश में वैक्सीन की किल्लत के भी मामले सामने आ रहे हैं. बीते रविवार को देश में 10.5 लाख से भी कम वैक्सीन डोज दी गई. रविवार को वैक्सीनेशन में कमी कोई नई बात नहीं है.यह इस बात की ओर इशारा करता है कि जब देश में वैक्सीन की डिमांड बढ़ी है और केंद्र ने वैक्सीनेशन पर जोर बढ़ाया है तो ऐसे में वैक्सीन की किल्लत सामने आ रही है.
दिल्ली में 18-44 साल के लोगों का वैक्सीनेशन रोक दिया है. कुछ पीएचसी और हॉस्पिटल पर लोगों की भीड़ के साथ ही झड़प के भी मामले रिपोर्ट किए गए. राज्यों की तरफ से वैक्सीन को लेकर ग्लोबल टेंडर्स से संपर्क साधने पर कंपनियों का कहना है कि वे केंद्र से ही वैक्सीन के मसले पर डील करेंगे. भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर फिलहाल अमेरिका में हैं और वैक्सीन की सप्लाई को लेकर बातचीत करेंगे.
घरेलू वैक्सीन उत्पादन रेट की तुलना में भी वैक्सीनेशन धीरे
गौर करने वाली बात ये भी है कि भारत अपने घरेलू वैक्सीन उत्पादन रेट की तुलना में भी धीरे वैक्सीनेशन कर रहा है. डिमांड ज्यादा है लेकिन वैक्सीनेशन की रफ्तार घोषित प्रोडक्शन और सप्लाई क्षमता से कम है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने जब केंद्र से कोविड-19 वैक्सीनेशन को लेकर जानकारी मांगी थी तो केंद्र सरकार की तरफ से दिए गए जवाब में कहा गया था कि भारत में प्रति माह 8.5 करोड़ डोज बनाए जा रहे हैं. केंद्र के मुताबिक Serum Institute of India (SII) महीने में लगभग 6.5 करोड़ डोज बना रही है. भारत बायोटेक एक महीने में दो करोड़ डोज का उत्पादन कर रही है.
इन कंपनियों ने अपने वैक्सीन प्रोडक्शन को लेकर भी बयान दिया है. SII का कहना है कि वो एक महीने में 6-7 करोड़ डोज बनाती है. वहीं भारत बायोटेक की तरफ से कहा गया था कि वो अप्रैल में दो करोड़ डोज और मई तक 3 करोड़ डोज बनाने की तैयारी में है.
इन आंकड़ों को आधार मानें तो इसका मतलब यह है कि भारत में वैक्सीन का प्रोडक्शन प्रति माह 8.5 करोड़ से कम नहीं है. अब इसे प्रतिदिन के हिसाब से जोड़ें तो यह 27.5-28.5 लाख (इस बात पर भी निर्भर है कि महीना 31 दिन का या 30 दिन का जोड़ा जा रहा है) होता है. मौजूदा समय में भारत ने वैक्सीन आयात करना बंद कर दिया है जिसे लेकर कई देशों ने शिकायत भी की है कि उनका वैक्सीनेशन प्लान प्रभावित हुआ है.
क्या कहते हैं आंकड़े
भारत में 1 मई से 23 मई के बीच 4.1 करोड़ वैक्सीन डोज लगाई गई. covid19india.org के आंकड़ों के मुताबिक 30 अप्रैल तक 15,49,89,635 वैक्सीन डोज दी गई थी. 23 मई तक कुल वैक्सीनेशन 19,60,51,962 हो गया. इस आंकड़े को आधार मानें तो औसतन 17.85 लाख डोज मई महीने में रोजाना दी गई. इस रफ्तार से 31 मई तक भारत 31 मई तक 1.42 करोड़ वैक्सीन की डोज लगा लेगा. मई मे वैक्सीनेशन का कुल आंकड़ा 5.5 करोड़ से थोड़ा ज्यादा होगा. यह आंकड़ा घोषित उत्पादन क्षमता से काफी कम है. घोषित उत्पादन क्षमता और वैक्सीनेशन के बीच लगभग 3 करोड़ डोज का अंतर है.