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CCMB के वैज्ञानिकों ने खोजी नई विधि, कोरोना टेस्टिंग को बनाया जा सकता है तेज और सस्ता

CCMB नई विधि का एक वैरिएंट भी प्रदान करता है जो वर्तमान में इस्तेमाल की जा रही विधि की तुलना में पहचान की दक्षता को 20 फीसदी बढ़ा देता है. साथ में लिए जाने से SARS-CoV-2 पहचान के लिए CCMB अधिक कारगर और भरोसेमंद तरीका प्रदर्शित करता है.

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सस्ती हो सकती है कोरोना टेस्टिंग?
सस्ती हो सकती है कोरोना टेस्टिंग?

  • CCMB विधि में लगभग आधा समय लगता है
  • मौजूदा विधि की तुलना में करीब 40% सस्ती है

Covid-19 टेस्टिंग के लिए मौजूदा वक्त में सबसे विश्वसनीय और सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला तरीका RT-PCR है. इसे और आसान, तेज, सुरक्षित और कम खर्चीला बनाया जा सकता है. इसके लिए RNA आइसोलेशन स्टेप को बाइपास किया जा सकता है.

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सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलीक्युलर बायोलॉजी (CCMB), हैदराबाद ने इस संबंध में नई विधि खोजी है. CCMB की इस मेडिकल रिसर्च टीम में उदय किरण, सीजी गोकुलन, संतोष कुमार कुंचा, दिव्या वेदगिरि, कार्तिक भारद्वाज तल्लापका, राकेश के मिश्रा, और कृष्णन हर्षन शामिल हैं.

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ये संशोधित विधि न सिर्फ तेज और सुविधाजनक है, बल्कि सटीकता में भी पारंपरिक विधि के बराबर है. ऐसे में इसे बड़े पैमाने पर स्क्रीनिंग के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. CCMB विधि में लगभग आधा समय लगता है. साथ ही ये मौजूदा वक्त में इस्तेमाल की जाने वाली विधि की तुलना में लगभग 40% सस्ती भी है.

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SARS-CoV-2 पहचान के लिए CCMB अधिक कारगर!

CCMB नई विधि का एक वैरिएंट भी प्रदान करता है जो वर्तमान में इस्तेमाल की जा रही विधि की तुलना में पहचान की दक्षता को 20 फीसदी बढ़ा देता है. साथ में लिए जाने से SARS-CoV-2 पहचान के लिए CCMB अधिक कारगर और भरोसेमंद तरीका प्रदर्शित करता है.

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इस नई तकनीक में, CCMB ने RNA आइसोलेशन के स्टेप को हटा दिया है. इसमें स्वैब के सैंपल को सीधे एक ट्यूब में डाला जा सकता है और इनको सूखा ही ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है. एक बार लैब में लाए जाने के बाद स्वाब को TE बफर नामक सॉल्यूशन के साथ मिलाया जा सकता है. इसके बाद हीट इनएक्टीवेशन किए जाने के बाद सैंपल की टेस्टिंग की जा सकती है. CCMB की ओर से इस नई टेस्टिंग तकनीक से जुड़े डेटा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) को उपलब्ध कराए जाएंगे.

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