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कोरोना की वजह से भारत में रद्द किए जा सकते हैं 6 लाख ऑपरेशन: स्टडी

कोरोना वायरस की वजह से अस्पताल से जुड़ी अन्य सेवाओं पर खासा असर पड़ा है. 120 से अधिक देशों के 5,000 से ज्यादा सर्जनों पर कोरोना की वजह से ऑपरेशन से जुड़े असर पर किए गए शोध के अनुसार, मरीजों को अपने स्वास्थ्य के लिए लंबे समय तक इंतजार का सामना करना पड़ेगा.

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कोरोना की वजह से ऑपरेशन से जुड़े मामलों पर पड़ा खासा असर (पीटीआई)
कोरोना की वजह से ऑपरेशन से जुड़े मामलों पर पड़ा खासा असर (पीटीआई)

  • कोरोना के 12 हफ्ते के चरम व्यवधान पर तैयार हुई रिपोर्ट
  • 120 देशों से 5,000 से ज्यादा सर्जनों पर आधारित रिपोर्ट
  • साल 2020 में करीब 3 करोड़ ऑपरेशंस पर पड़ेगा असर
कोरोना महामारी की वजह से दुनियाभर में जनजीवन पर खासा असर पड़ा है और हर तरह की व्यवस्था प्रभावित हुई है. चिकित्सा व्यवस्था भी इससे अछूता नहीं है, एक अंतरराष्ट्रीय संघ की ओर से किए गए स्टडी में दावा किया गया है कि कोरोना की वजह से भारत में 580,000 से ज्यादा तय ऑपरेशन में देरी हो सकती है या फिर टल सकती है.

ब्रिटिश जर्नल ऑफ सर्जरी में प्रकाशित एक अध्ययन ने अनुमान लगाया है कि कोरोना वायरस (COVID-19) के कारण अस्पतालों से जुड़ी सेवाओं में पिछले 12 हफ्ते के चरम व्यवधान की अवधि के आधार पर दुनियाभर में करीब 2.84 करोड़ (28.4 मिलियन) ऐच्छिक सर्जरी को 2020 में रद्द या स्थगित कर दिया जाएगा.

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अध्ययन में 120 देश शामिल

कोविड सर्ज कोलैबरेटिव की ओर से 120 से अधिक देशों के 5,000 से ज्यादा सर्जनों पर कोरोना की वजह से ऑपरेशन से जुड़े असर पर किए गए शोध के अनुसार, मरीजों को अपने स्वास्थ्य के लिए लंबे समय तक प्रतीक्षा का सामना करना पड़ेगा.

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स्टडी का नेतृत्व इंग्लैंड, बेनिन, घाना, भारत, इटली, मैक्सिको, नाइजीरिया, रवांडा, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका में स्थित सदस्यों द्वारा किया गया था. यह अध्ययन बताता है कि अस्पताल में एक अतिरिक्त हफ्ते के व्यवधान का मतलब है कि 24 लाख मामलों को स्थगित करना.

सर्जरी को लेकर अध्ययन

इंग्लैंड में बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं समेत अन्य शोधकर्ताओं ने 359 अस्पतालों और 71 देशों में वैकल्पिक सर्जरी रद्द करने की योजना के बारे में सर्जनों से विस्तृत जानकारी हासिल की.

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इस आंकड़े से सांख्यिकीय रूप से यह अनुमान लगाया गया था कि 190 देशों में कुल कितने ऑपरेशन स्थगित हो सकते हैं.

72 फीसदी ऑपरेशन पर असर

शोधकर्ताओं का अनुमान है कि पूरी दुनिया में 72.3 प्रतिशत पहले से तय ऑपरेशन पर कोरोना का असर पड़ेगा और आगे के लिए स्थगित कर दिया जाएगा, इनमें स्थगित की जाने वाली ज्यादातर सर्जरी गैर-कैंसर मरीजों की होगी.

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रिसर्च के अनुमान के अनुसार, भारत में 5,84,737 मरीजों की सर्जरी कोरोना महामारी के 12 हफ्ते के शीर्ष स्तर पर रहने के कारण स्थगित किया जा सकता है या फिर देर किया जा सकता है.

रिसर्च में अनुमान लगाया गया कि ऑर्थोपेडिक से जुड़े ऑपरेशंस को सबसे अधिक बार रद्द किया जाएगा, दुनियाभर में 12 सप्ताह की अवधि के दौरान करीब 63 लाख (6.3 मिलियन) आर्थोपेडिक सर्जरी रद्द कर दी गई.

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अध्ययन में यह भी अनुमान लगाया गया है कि वैश्विक स्तर पर 23 लाख (2.3 मिलियन) कैंसर से जुड़ी सर्जरी रद्द या स्थगित कर दी जाएंगी.

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बर्मिंघम यूनिवर्सिटी से जुड़े दिमित्री नेपोगोडिव का कहना है कि कोरोना की वजह से अस्पताल सेवाओं में एक अतिरिक्त हफ्ते के व्यवधान का मतलब है कि 43,300 अतिरिक्त सर्जरी का रद्द कर दिया जाना. उनका कहना है कि इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि अस्पतालों को नियमित रूप से स्थिति का आकलन करना चाहिए ताकि जल्द से जल्द वैकल्पिक सर्जरी शुरू की जा सके.

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