कोरोना वायरस पूरी दुनिया में तेजी से अपने पैर पसार रहा है. भारत में भी इसके मरीजों की संख्या बढ़कर 10,000 के पार हो चुकी है. कोरोना संकट के बीच लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. आजतक से खास बातचीत में दिल्ली स्थित एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने उन सभी सवालों के जवाब दिए हैं.
कोरोना से निजात पाने के लिए पूरी दुनिया में रिसर्च किए जा रहे हैं. इस बीच वायरस पर अलग-अलग तरह की वैक्सीन का असर होने के दावे भी किए गए हैं. डॉ. रणदीप गुलेरिया से आज तक ने पूछा कि कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए बीसीजी का टीका कितना कारगर है.
डॉ. रणदीप गुलेरिया ने इस पर कहा, 'बीसीजी पर जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी की रिसर्च में देखा गया है कि जहां-जहां बीसीजी वैक्सीन का टीका दिया गया है, वहां कोविड-19 केस कम है. हालांकि मामलों में कमी का कारण बीसीजी का टीका ही है, यह अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है. साइंटिफिक डेटा है कि किसी बीमारी में इस वैक्सीन से इम्युनिटी बढ़ जाती है, लेकिन कोविड-19 के मामले में ये काम करेगी या नहीं यह कहना अभी जरा मुश्किल है.'
डॉ. रणदीप गुलेरिया ने आगे कहा, 'जन्म के समय पर ही बच्चों को बीसीजी का इंजेक्शन दे दिया जाता है. देश में सभी लोगों को बीसीजी पहले से लगा हुआ है. ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि जो लोग वायरस की चपेट में आ रहे हैं क्या उन्हें यह टीका दोबारा देने की जरूरत है. क्या दूसरा इंजेक्शन इम्यूनिटी बूस्टर का काम करता है. मुझे लगता है कि इस पर अभी और रिसर्च की जरूरत है.'