देश में नदियों को जोड़ने और जल संसाधन के बेहतर इस्तेमाल की दिशा में बुधवार का दिन इतिहास में दर्ज होने जा रहा है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू बुधवार को गोदावरी नदी का पानी कृष्णा नदी में छोड़ेंगे. इसके साथ ही दोनों नदियों को औपचारिक रूप से जोड़ने का काम पूरा होगा. यह कार्यक्रम इब्राहिमपटनम गांव में होगा.
1950 के दशक से चर्चा
गोदावरी से कृष्णा में करीब 80 टीएमसी पानी भेजा जाएगा. इब्राहिमपटनम के पास दोनों नदियों के संगम के स्थान को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा. दोनों नदियों को जोड़ने की लंबे समय से योजना थी. प्रसिद्ध इंजीनियर केएल राव के 1950 के दशक में केंद्रीय सिंचाई मंत्री रहने के समय से इस पर चर्चा होती रही है.
अटल सरकार में बनी थी योजना
अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में राजग सरकार के दौरान इस योजना को पुनर्जीवित किया गया था. लेकिन अब पहली बार इसे लागू किया गया. गोदावरी को कृष्णा से जोड़ने का काम पश्चिम गोदावरी जिले के पट्टीसम गांव में गोदावरी नदी की पट्टीसीमा सिंचाई परियोजना द्वारा संभव हो पाया.
नायडू सरकार ने अमल किया
आंध्र प्रदेश के जल संसाधन मंत्री डी उमामहेश्वर राव ने हाल ही में विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान कहा था पट्टीसम लिफ्ट योजना के तहत अखंड गोदावरी राइट बैंक से पट्टीसम गांव के पास स्थित पोलवरम बांध स्थल की गिरने वाली धारा की तरफ पानी लिफ्ट करने यानी उठाने और पोलवरम राइट मुख्य नहर में गिराने (1.50 केएम) का प्रस्ताव है.