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आम चुनावों से पहले बढ़ेगी 50 लाख कर्मियों की सैलरी

केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी! केंद्र सरकार अगले आम चुनावों की प्रक्रिया शुरू होने से पहले अपने 50 लाख से अधिक कर्मचारियों के वेतन मान बढ़ाने के लिए 7वें वेतन आयोग का गठन कर सकती है.

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केंद्रीय कर्मचारियों का बढ़ेगा वेतन
केंद्रीय कर्मचारियों का बढ़ेगा वेतन

केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी! केंद्र सरकार अगले आम चुनावों की प्रक्रिया शुरू होने से पहले अपने 50 लाख से अधिक कर्मचारियों के वेतन मान बढ़ाने के लिए 7वें वेतन आयोग का गठन कर सकती है.

सूत्रों ने बताया, ‘वित्त मंत्रालय 7वें वेतन आयोग के गठन के लिए एक कैबिनेट प्रस्ताव पर काम कर रहा है जिस पर अगले कुछ सप्ताह में विचार किया जा सकता है.’ उपलब्ध सूचना के मुताबिक, चुनावों से पहले 7वें वेतन आयोग के गठन का सरकार का इरादा साफ है क्योंकि इसने इस संबंध में अनुदानों के लिए दूसरी अनुपूरक मांग में 3.5 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है जिसे संसद के शीतकालीन सत्र में मंजूरी दी गई है.

सितंबर में चिदंबरम ने की थी घोषणा
इस साल सितंबर की शुरुआत में वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने घोषणा की थी कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 7वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है. घोषणा के मुताबिक, आयोग को दो साल में अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी और इसकी सिफारिशें एक जनवरी, 2016 से लागू की जाएंगी.

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हालांकि, घोषणा के बाद आयोग के गठन के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं रखा गया है. परंपरा के मुताबिक, आयोग का गठन उच्चतम न्यायालय के पूर्व जज की अध्यक्षता में किया जाता है और आयोग के अन्य सदस्यों में विशेषज्ञ व अधिकारी शामिल होते हैं.

न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये प्रति माह निर्धारित करने का प्रस्ताव
इस बीच, सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा संचालित कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (ईपीएस-95) के तहत न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये प्रति माह निर्धारित करने का प्रस्ताव मंजूर किया है. सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने 15,000 मासिक तक के मूल वेतन पाने वाले कर्मचारियों का भी ईपीएफ काटने का प्रस्ताव मंजूर किया है. अभी अधिकतम 6,500 रुपये प्रति माह तक मूल वेतन पाने वालों को ही ईपीएफओ योजना का लाभ मिलता है. एक अधिकारी ने कहा, ‘इन दोनों निर्णयों से सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ेगा क्योंकि सरकार को ईपीएस-95 के तहत पेंशन सब्सिडी के मद में अधिक योगदान करना होगा.

पेंशन योजना ईपीएस-95 के लिए नियोक्ता मूल वेतन व महंगाई भत्ता समेत मूल मजदूरी का 8.33 प्रतिशत अंशदान करते हैं, जबकि केंद्र सरकार अपने बजट से मूल वेतन का 1.16 प्रतिशत अंशदान करती है.

न्यूनतम 1,000 रुपये प्रति माह पेंशन का प्रस्ताव सरकार के पास लंबे समय से लंबित था क्योंकि इस उद्देश्य के लिए मूल मजदूरी का अतिरिक्त 0.63 प्रतिशत अंशदान करने की जरूरत थी.

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इस साल की शुरुआत में श्रम मंत्रालय ने पेंशनभोगियों के लिए 1,000 रुपये प्रति माह का पेंशन सुनिश्चित करने के लिए अपनी पेंशन योजना ईपीएस-95 में सरकार का अंशदान 1.16 प्रतिशत से बढ़ाकर 1.79 प्रतिशत करने का मामला रखा था.

एक हजार रुपये न्यूनतम पेंशन तय करने के निर्णय से ईपीएस-95 के तहत 35 लाख से अधिक पेंशनभोगी तत्काल लाभान्वित होंगे. दीर्घकाल में, वेतन सीमा बढ़ाने के निर्णय से पांच करोड़ से अधिक लोग लाभान्वित होंगे.

 

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