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टैक्स रिटर्न फॉर्म हुआ और सरल: ई-फाइलिंग एक अप्रैल से हो जाएगी शुरू

वेतनभोगी तबके के लिए आयकर रिटर्न भरने के लिए एक छोटा नया फॉर्म एक अप्रैल से उपलब्ध हो जाएगा. आयकर विभाग ने इस फॉर्म में कुछ बिंदुओं को हटा दिया है, जिससे यह छोटा और अधिक सरल बन गया है.

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इनकम टैक्स फॉर्म होगा सरल
इनकम टैक्स फॉर्म होगा सरल

वेतनभोगी तबके के लिए आयकर रिटर्न भरने के लिए एक छोटा नया फॉर्म एक अप्रैल से उपलब्ध हो जाएगा. आयकर विभाग ने इस फॉर्म में कुछ बिंदुओं को हटा दिया है, जिससे यह छोटा और अधिक सरल बन गया है.

वेतन और ब्याज आय वाले व्यक्तिगत करदाताओं के लिए फॉर्म में सूचना भरने के लिए पहले से कम खाने होंगे. आय कटौती के दावों से जुड़े कुछ खानों को आईटीआर-1 फॉर्म में शामिल कर दिया गया है. इस फॉर्म का नाम सहज रखा गया है.

निर्धारण वर्ष 2017-18 के रिटर्न फॉर्म में आयकर के अध्याय छह-ए के तहत किये जाने वाले विभिन्न कटौती के दावों की जानकारी से जुड़े खाने हटा दिया गए हैं और केवल उन्हीं बिंदुओं को इसमें रखा गया है जिन्हें आमतौर पर इस्तेमाल में लाया जाता है. एक अधिकारी ने बताया, 'जिन बिंदुओं को इस फॉर्म में शामिल किया गया है उनमें आयकर की धारा 80सी, 80डी के तहत मिलने वाली कटौतियां शामिल है. इसके अलावा जो व्यक्तिगत करदाता अन्य मदों में कर कटौती चाहते हैं वह इसके लिए विकल्प चुनकर जानकारी दे सकते हैं.

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वर्तमान में जो आइटीआर 1..सहज फॉर्म है उसमें आयकर अधिनियम की धारा-80 के तहत 18 अलग-अलग बिंदु अथवा पंक्तियां हैं. इस धारा के तहत जीवन बीमा, पीपीएफ, एफडी बैंक जमा सहित विभिन्न प्रकार के निवेश एवं बचत पर 1.50 लाख रुपये तक की कटौती का दावा किया जा सकता है. इसी प्रकार धारा 80डी के तहत चिकित्सा बीमा प्रीमियम भुगतान की कुल आय में से कटौती का प्रावधान है. अधिकारी ने कहा, फॉर्म अधिसूचित कर दिये गए हैं और आयकर विभाग के वेबसाइट पर उपलब्ध हैं. आईटीआर-1 से लेकर आईटीआर 6 तक फॉर्म उपलब्ध हैं.

अधिकारी ने कहा कि सरकार की इस पहल का मकसद लोगों को रिटर्न दाखिल करने के लिये प्रोत्साहित करना भी है. वर्तमान में पैन रखने वाले 29 करोड़ लोगों में से केवल छह करोड़ ही आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं. रिर्टन दाखिल करने के लिये ई-फाइलिंग की सुविधा एक अप्रैल से उपलब्ध हो जाएगी और इसे 31 जुलाई तक भरा जा सकता है. रिटर्न फॉर्म भरते समय करदाता को अपना पैन, आधार नंबर, व्यक्तिगत सूचना और जानकारी देनी होगी. इसके साथ ही उसके द्वारा भरे गए कर, टीडीएस की जानकारी स्वत: ही उसमें आ जाएगी.

एक जुलाई के बाद से करदाताओं के लिए आधार नंबर अथवा आधार नंबर के लिए यदि आवेदन किया गया है, तो उसकी जानकारी देना जरूरी है. इसके साथ ही ई-फाइलिंग वेबसाइट में ऑनलाइन ही कर गणना के लिए कैलकुलेटर भी होगा. कोई भी व्यक्ति अथवा हिंदू अविभाजित परिवार, जिनकी व्यवसाय से कोई आय नहीं है आईटीआर 1-सहज, आईटीआर 2 और 2ए में रिटर्न दाखिल कर सकता है. ऐसे व्यक्ति अथवा हिंदू अविभाजित परिवार जिनकी व्यावसाय से आय है और उनका कर निर्धारण अनुमानित आधार पर होता है, वह अपनी रिटर्न आईटीआर4एस - सुगम फार्म में भर सकते हैं.

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