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डाकघर बचत योजनाओं पर ब्याज दर 0.2 प्रतिशत तक बढ़ी

लोकसभा चुनावों की घोषणा से एक दिन पहले सरकार ने मंगलवार को डाकघर सावधि लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरें 0.2 प्रतिशत तक बढ़ाने का फैसला किया है.

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लोकसभा चुनावों की घोषणा से एक दिन पहले सरकार ने मंगलवार को डाकघर सावधि लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरें 0.2 प्रतिशत तक बढ़ाने का फैसला किया है.

हालांकि, सरकार ने लोकप्रिय लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) पर ब्याज दर को 8.7 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है.आधिकारिक बयान के अनुसार लघु बचत योजनाओं पर नई ब्याज दरें एक अप्रैल से प्रभावी होगी. वित्त मंत्रालय ने यह फैसला ऐसे समय में किया है जब चुनाव आयोग बुधवार को आम चुनाव कार्य्रकम की घोषणा करने वाला है. इसके बाद से आचार संहिता लागू हो जाएगी.

इसके तहत एक व दो साल की सावधि जमाओं पर ब्याज दर को मौजूदा 8.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.4 प्रतिशत कर दिया गया है. तीन से पांच साल की सावधि जमाओं पर ब्याज दर 0.1 प्रतिशत बढ़कर क्रमश: 8.4 प्रतिशत तथा 8.5 प्रतिशत की गई है.

इसी तरह पांच साल की आवृत्ति जमाओं (आरडी) पर ब्याज दर 8.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.4 प्रतिशत की गई है. पीपीएफ में सालाना निवेश सीमा को एक लाख रुपये पर यथावत रखा गया है. हालांकि, पांच व दस साल के राष्ट्रीय बचत योजना (एनएससी) पर क्रमश: 8.5 और 8.8 प्रतिशत की ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

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पांच सालाना मासिक आय योजना की ब्याज दर भी 8.4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखी गई है. ब्याज दरों में वृद्धि का यह फैसला श्यामला गोपीनाथ समिति की सिफारिशों के अनुसार किया गया है.

इससे लघु बचत योजनाएं अधिक आकर्षक हो जाएंगी.

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