ऑनलाइन कैब बुकिंग सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी ओला 1400 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रही है. ये जानकारी खुद ओला के सीईओ भावेश अग्रवाल ने अपने कर्मचारियों को दी है. ये खबर ऐसे समय में आई है जब लॉकडाउन में आंशिक छूट के बाद ओला ने देश के करीब 160 शहरों में अपनी सर्विस को दोबारा शुरू कर दी है. बता दें कि 25 मार्च से देशभर में लॉकडाउन लागू होने के बाद ओला की सर्विस पूरी तरह ठप पड़ गई थी.
भविष्य बेहद अस्पष्ट और अनिश्चित
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक कर्मचारियों को भेजे एक ईमेल में अग्रवाल ने यह साफ किया कि व्यापार का भविष्य बेहद अस्पष्ट और अनिश्चित है. निश्चित रूप से इस संकट का असर हम पर लंबे समय तक रहेगा. भावेश अग्रवाल ने मेल में बताया है कि हमारे उद्योग के लिए वायरस का असर बहुत खराब रहा है. पिछले दो महीनों में हमारी कमाई में 95 प्रतिशत की कमी आई है. सबसे बड़ी बात यह है कि इस संकट ने हमारे लाखों ड्राइवरों और उनके परिवारों की आजीविका को प्रभावित किया है. यही वजह है कि कंपनी ने 1,400 कर्मचारियों की छंटनी करने का फैसला किया है.
Ola to layoff 1,400 staff as COVID-19 pandemic hits revenues, says CEO note to employees
— Press Trust of India (@PTI_News) May 20, 2020
उबर में 3000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी
इससे पहले, कोविड19 महामारी के चलते ओला की प्रतिद्वंद्वी कंपनी उबर ने भी दुनिया भर में 3000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी का ऐलान किया था. बीते दिनों अमेरिका की कंपनी उबर ने यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) को इस छंटनी की वजह बताई थी. उबर ने कहा था, "कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न आर्थिक चुनौतियों, अनिश्चितता और व्यवसाय पर इसके प्रभाव के चलते कंपनी ने अपने परिचालन खर्च को कम करने की योजना बनाई है."
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स्विगी-जोमैटो भी कर चुके हैं ऐलान
इसी तरह, बीते दिनों ऑनलाइन फूड डिलीवरी करने वाली कंपनी स्विगी और जोमैटो ने भी छंटनी का ऐलान किया था. स्विगी अगले कुछ दिनों में अपने करीब 1,100 कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है. वहीं जोमैटो की बात करें तो 13 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी की बात कही थी.