भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि अगर मुद्रास्फीति में कमी का क्रम बना रहता है तो वह ब्याज दर घटाने के बारे में इस आधार पर कोई फैसला करेगा.
थोक मूल्य सूचकांक आधारित जुलाई में घटकर 6.87 प्रतिशत रह गई जो जून में 7.25 प्रतिशत थी. यह भारतीय रिजर्व बैंक के आरामदायक स्तर 5-6 प्रतिशत से ऊंची है. हालांकि मुद्रास्फीति में नरमी
तथा औद्योगिक उत्पादन में गिरावट के बीच उद्योग जगत ब्याज दर में कमी का समर्थन कर रहा है ताकि वृद्धि को गति दी जा सके.
रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर केसी चकवर्ती ने आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम के साथ बैठक के बाद कहा कि मुद्रास्फीति में नरमी होने पर ब्याज दरें घटनी चाहिए. अगर मुद्रास्फीति में लगातार गिरावट आती है तो रिजर्व बैंक आकलन करेगा. उन्होंने कहा कि पांच प्रतिशत मुद्रास्फीति भारत के लिए आसान दायरा होगा. केंद्रीय बैंक 17 सितंबर को मौद्रिक नीति की समीक्षा करने वाला है. पिछले महीने की समीक्षा में उसने नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था.