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इस शहर में बन रही है AI सिटी! घर, अस्पताल और मॉल..नौकरियां भी मिलेंगी

इन्फोपार्क फेज़ III को एक संपूर्ण समुदाय के रूप में डिज़ाइन किया गया है, ताकि यहां रहने वाले हर व्यक्ति को उच्च गुणवत्ता वाला जीवन मिल सके. 5,000 से अधिक हाउसिंग यूनिट और अपार्टमेंट बनाए जाएंगे.

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 अब AI चलाएगा पूरा शहर! (Photo-AI-Generated)
अब AI चलाएगा पूरा शहर! (Photo-AI-Generated)

कोच्चि में 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सिटी' बनने जा रही है. यह सिर्फ एक टेक पार्क नहीं, बल्कि रहने और काम करने के लिए एक इंटीग्रेटेड शहर होगा. यह पूरा प्रोजेक्ट 2030 तक बनकर तैयार हो जाएगा, जिसमें 25,000 करोड़ का भारी-भरकम निवेश होगा. सबसे बड़ी बात, इससे 2 लाख डायरेक्ट और 4 लाख से ज़्यादा इनडायरेक्ट नौकरियां पैदा होंगी.

इसे एक ऐसी AI-नेटिव सिटी के तौर पर डिज़ाइन किया गया है, जहां सब कुछ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से कंट्रोल होगा. यह पूरी तरह से जुड़ा हुआ (integrated) शहरी सिस्टम होगा, जिसे AI चलाएगा.

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यह AI सिटी क्यों खास है?

यह केरल की पहली AI टाउनशिप होगी. शहर की सभी गतिविधियों (ट्रैफिक, नागरिक सेवाएं, आदि) को AI का इस्तेमाल करके कंट्रोल किया जाएगा, जिससे समस्याएं पहले ही पता चल जाएं और हल हो जाएं. वहीं ये यह कार्बन नेगेटिव और वॉटर पॉजिटिव होगी यानी पर्यावरण का ख़ास ध्यान रखा जाएगा (जैसे बारिश के पानी को जमा करना और वेस्ट को AI से मैनेज करना).

क्या सुविधाएं मिलेंगी?

इन्फोपार्क फेज III को एक संपूर्ण समुदाय के रूप में डिज़ाइन किया गया है. इसका लक्ष्य यहां रहने और काम करने वाले हर व्यक्ति को उच्च गुणवत्ता वाला जीवन देना है. निवासियों के लिए 5,000 से अधिक हाउसिंग यूनिट और अपार्टमेंट बनाए जाएंगे. यह टाउनशिप सस्टेनेबिलिटी के उच्चतम मानकों को पूरा करने का प्रयास करेगी. इसमें सोलर एनर्जी का उपयोग करना, वॉटर पॉजिटिविटी हासिल करने के लिए बारिश का पानी जमा करना, और जीरो वेस्ट के लक्ष्य के लिए आधुनिक प्रणालियों का उपयोग करना शामिल है. 

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इस टाउनशिप में रहने के लिए घर, स्कूल, कॉलेज, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, शॉपिंग मॉल, अस्पताल सब कुछ होगा. यह टाउन 300 एकड़ ज़मीन पर बनेगा, यह ज़मीन मुख्य रूप से एर्नाकुलम जिले के किझक्कमबलम और कुन्नाथुनाड इलाकों में है. इसमें 20 मिलियन वर्ग फुट से अधिक कमर्शियल क्षेत्र होगा. यह जगह हाई-टेक कंपनियों और बड़े ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर के लिए बनाई जाएगी.

प्रोजेक्ट पर कैसे हो रहा है काम?

यह पूरा प्रोजेक्ट एक तरह से टीम वर्क है. इसमें इन्फोपार्क मुख्य डेवलपर और मालिक की भूमिका निभा रहा है, जबकि जीसीडीए (GCDA) ज़मीन-पूलिंग की प्रक्रिया को संभाल रहा है. इस ज़मीन-पूलिंग मॉडल में यह शर्त है कि विकास कार्य के लिए कम से कम 75% ज़मीन मालिकों की सहमति होनी चाहिए. इस प्रक्रिया में उनके छोटे-छोटे प्लॉटों को एक साथ मिला दिया जाता है, और जब काम पूरा हो जाता है, तो मालिकों को विकसित ज़मीन का एक हिस्सा वापस मिलता है.
  
आधिकारिक समझौते (MoU) पर दस्तख़त करने के बाद, दोनों संस्थाएं एक साल के अंदर मास्टर प्लान और पूरी रिपोर्ट सरकार को सौंप देंगी. उनका लक्ष्य इस पूरे विकास को 2030 तक खत्म करना है. यह प्रोजेक्ट कोच्चि को एक शीर्ष वैश्विक आईटी हब के तौर पर मज़बूती से स्थापित करने में मदद करेगा.

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