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Success Story: मां-बेटी की जोड़ी ने किया कमाल... ₹5000 में खड़ी कर दी कंपनी! आज हर महीने लाखों में कमाई

यह स्‍टार्टअप्‍स एक्स्ट्रोकिड्स (Extrokids) है, जिसे एक मां-बेटी की जोड़ी ने सिर्फ 5000 रुपये के निवेश से लाखों रुपये की मुनाफे वाली कंपनी बना दी है. यह कंपनी को हर महीने 15000 से ज्‍यादा के ऑर्डर मिलते हैं.

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एस हरिप्रिया और उनकी मां (एक्स्ट्रोकिड्स के फाउंडर)
एस हरिप्रिया और उनकी मां (एक्स्ट्रोकिड्स के फाउंडर)

पिछले कुछ सालों में भारत में स्‍टार्टअप्‍स खूब शुरू हो रहे हैं. अपर क्‍लास से लेकर मिडिल क्‍लास तक के लोग स्‍टार्टअप्‍स शुरू करने में दिलचस्‍पी दिखा रहे हैं और अपने बिजनेस को हिट बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं. हालांकि इनमें से कुछ ऐसे भी हैं, जो कम समय में ही अपना एक नाम बना चुके हैं. आज हम एक ऐसे ही एक स्‍टार्टअप्‍स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने अपना नाम बना लिया है. 

यह स्‍टार्टअप्‍स एक्स्ट्रोकिड्स (Extrokids) है, जिसे एक मां-बेटी की जोड़ी ने सिर्फ 5000 रुपये के निवेश से लाखों रुपये की मुनाफे वाली कंपनी बना दी है. यह कंपनी को हर महीने 15000 से ज्‍यादा के ऑर्डर मिलते हैं. यह एक खिलौने बेचने वाली कंपनी है. एस हरिप्रिया ने अपनी मां एस बानू के साथ मिलकर ये कारोबार शुरू किया था. 

ऑनलाइन बेचते हैं अपने प्रोडक्‍ट्स 
एस हरिप्रिया ने मां एस बानू के साथ ऑनलाइन खिलौनों से जुड़ा करोबार शुरू किया. इन्‍होंने इस कारोबार के लिए शुरुआती लागत 5 हजार रुपये लगाई थी. मां-बेटी की जोड़ी ने बच्‍चों के लिए एक ऐसे खिलौने बेचने का कारोबार शुरू किया, जो बच्‍चों के दिमाग को विकसित करती है. इन्होंने एक्स्ट्रोकिड्स (Extrokids) नाम से एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की शुरुआत की थी. यहीं पर ये अपने प्रोडक्‍ट्स बेचते हैं और आज इसके हर लाखों रुपये के ऑर्डर मिल रहे हैं. 

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कैसे हुई थी कारोबार की शुरुआत 
नए माता-पिता के सामने आने वाली मुख्य चुनौतियों में से एक है अपने बच्चों को व्यस्त कैसे रखें? खास तौर पर जब वे चलना शुरू करते हैं. स्क्रीन के संपर्क को कम से कम करते हुए बच्चों का मनोरंजन करने और उन्हें शिक्षित करने के तरीके की तलाश करना. दो बच्चों की मां एस हरिप्रिया के मन में भी यही सवाल था, जब 2017 में उनके दूसरे बच्‍चे का जन्‍म हुआ. उन्‍होंने ऐसे खिलौने की तलाश की जो एजुकेट भी करे और मनोरंजन भी. उन्‍हें पता चला कि वे अकेली नहीं है, जो ऐसी चीजों की तलाश कर रही हैं और उन्‍हें कठिनाई हो रही है. फिर उन्‍होंने बच्‍चों को संभालने के साथ ही अपनी मां के साथ ऐसे कारोबार की शुरुआत कर डाली. 

आसान नहीं थी राह 
हरिप्रिया ने तमिलनाडु के कोयम्बटूर स्थित अपने घर से मात्र 5,000 रुपये की राशि से यह उद्यम शुरू किया था. हरिप्रिया ने बताया था कि उन्‍हें कई समस्‍याओं का सामना करना पड़ा था. खासकर खिलौने को ढूंढने के समय कई समस्‍याएं आईं. वहीं बच्‍चों को संभालने जैसी चुनौतियों का भी उन्‍हें सामना करना पड़ा. उन्‍हें कई रिसर्च करने के बाद मोटर स्किल्स, हाथ-आंखों और ब्रेन को विकसित करने वाले खिलौने के बारे में जानकारी हुई. शुरुआत में, उन्होंने पहले से पसंद की गई किताबें और खिलौने बेचे, लेकिन जल्द ही उन्हें किताबें और खिलौने बेचने की सीमा का एहसास हुआ और उन्होंने अपना ध्यान खिलौनों की ओर फोकस कर लिया. 

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ऑर्डर का इंतज़ार करते हुए, उन्होंने अपने बच्चों को नए खिलौनों से भी परिचित कराया. अपने बच्चों पर सकारात्मक प्रभाव देखकर, उन्होंने उन्हें अपनी सूची में शामिल करना शुरू कर दिया. आज उनके पास 500 से ज्‍यादा खिलौनों का कलेक्‍शन है.  वह 5 लाख से ज्यादा कस्टमर को ऑर्डर डिलीवर कर चुकी हैं. 

हर महीने इतने की होती है कमाई 
हरिप्रिया ने बताया कि एक समय ऐसा भी आया था जब उनके पास कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए पैसे तक नहीं थे. एक दिन उन्हें एक वीडियो पोस्ट किया और वीडियो ऐसा जिसमें बताया गया हो कि किसी खास खिलौने से कैसे खेलना हैं. यह वीडियो में उसकी मां भी थीं. इस वीडियो को 60 हजार बार से ज्यादा देखा गया, बस यहीं से इनके  कारोबार की किस्मत बदल गई. हरिप्रिया के मुताबिक उनकी हर महीने की कमाई करीब 3 लाख रुपये प्रति महीने है. इनके खिलौनों की कीमत 49 रुपये से शुरू होकर 8,000 रुपये तक है. 

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