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Startup to Unicorn: ये 20 कंपनियां करने वाली हैं कमाल, तेजी से यूनिकॉर्न क्लब की तरफ दौड़!

फिनटेक सेक्टर की जबरदस्त ग्रोथ की वजह डिजिटल पेमेंट्स में आई तेजी है. इसके साथ ही सरकार की तरफ से मदद मिलने से भी फिनटेक को भरपूर फायदा मिल रहा है.

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Unicorns in India
Unicorns in India

बीता साल यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स (Unicorn Startup) के लिए बेहद चुनौतीभरा साल रहा था. इस दौरान दुनियाभर में कई स्टार्टअप्स ने अपना यूनिकॉर्न यानी 1 अरब डॉलर वैल्यूएशन का टैग गंवा दिया था. हालांकि भारत में पिछले साल संकट में घिरे एडुटेक स्टार्टअप बायजूस को छोड़कर किसी और यूनिकॉर्न को झटका नहीं लगा था. लेकिन अब ये सब बीती बात हो चुका है. अनुमान जताया जा रहा है कि भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में यूनिकॉर्न की संख्या 2024-25 में 20 फीसदी तक बढ़ सकती है.

इन कंपनियों का शानदार प्रदर्शन

इसकी वजह है कि करीब 20 कंपनियां तेजी से यूनिकॉर्न बढ़ने की तरफ कदम बढ़ा रही हैं. पिछले साल फंडिंग विंटर समेत दूसरी समस्याओं की वजह से केवल ज़ेप्टो और इनक्रेड ही यूनिकॉर्न क्लब में एंट्री पाने में कामयाब रहे थे. लेकिन मौजूदा कारोबारी साल में ऑनलाइन टिकटिंग प्लेटफॉर्म बुकमायशो, फिनटेक नवी,पेमेट, रिफाइन, क्लियर, इंड मनी, ज्यूपिटर, एग्रीटेक फर्म निंजाकार्ट और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बिज़ ऑन गो शामिल यूनिकॉर्न क्लब का हिस्सा बन सकते हैं. 

इन सभी की वैल्यूएशन 60 से 93 करोड़ डॉलर के बीच है, जो दो कंपनियां फिनिश लाइन के सबसे करीब हैं वो हैं फिनटेक टर्टलमिंट और पेमेट, जिनकी वैल्यूएशन 90 करोड़ डॉलर से ज्यादा है. यूनिकॉर्न क्लब में सबसे ज्यादा दबदबा फिनटेक कंपनियों का है. यहां तक कि सूनिकॉर्न में भी करीब एक तिहाई फिनटेक हैं. यही नहीं, इस साल जिन स्टार्टअप्स के यूनिकॉर्न क्लब में शामिल होने की उम्मीद है उनमें भी आधे फिनटेक हैं. 

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RBI की फिनटेक पर नजर

फिनटेक सेक्टर की जबरदस्त ग्रोथ की वजह डिजिटल पेमेंट्स में आई तेजी है. इसके साथ ही सरकार की तरफ से मदद मिलने से भी फिनटेक को भरपूर फायदा मिल रहा है. ग्रांट थॉर्नटन की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत में फिनटेक को RBI के डिजिटल लोन की गाइडलाइंस से बढ़ावा मिल रहा है. इससे इस सेक्टर में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ रही है. 

पारंपरिक बैंकिंग सिस्टम तक जिन लोगों की पहुंच नहीं हैं, उन लोगों को वित्तीय समाधान देने के मौके भी फिनटेक की ग्रोथ में कुछ हद तक रोल निभा रहे हैं. विकासशील देशों में तो फिनटेक कंपनियों के डिजिटल इनोवेशन ने लोगों को पारंपरिक बैंकिंग से अलग हटकर वित्तीय लेन-देन ढेरों मौके मुहैया कराए हैं. यही वजह है कि सैलरी और मार्केटिंग खर्चों के बावजूद सूनिकॉर्न के रेवेन्यूज की तेज ग्रोथ इनके सुनहरे भविष्य का मजबूत संकेत दे रही है.

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