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परिवार में फूट: ललित मोदी के बेटे ने गॉडफ्रे फिलिप्स की SFIO, SEBI से जांच की मांग की

गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया का मालिकाना हक रखने वाले केके मोदी ग्रुप में पारिवारिक विवाद पिछले साल से चल रहा है, लेकिन अब यह काफी बढ़ता दिख रहा है. गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया देश की दूसरी सबसे बड़ी टोबैको कंपनी है. ललित मोदी के बेटे रुचिर मोदी ने कंपनी में अनियमितता का आरोप लगाते हुए इसकी एसएफआईओ, सेबी से जांच की मांग की है. 

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रुचिर मोदी ने की शिकायत
रुचिर मोदी ने की शिकायत
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ललित मोदी के परिवार में बढ़ा विवाद
  • गॉडफ्रे फिलिप्स इसी परिवार की कंपनी है
  • कंपनी के स्वामित्व को लेकर तीखी हुई लड़ाई

ललित मोदी के परिवार में कारोबार को लेकर विवाद काफी बढ़ गया है. ललित मोदी के बेटे रुचिर मोदी ने टोबैको कंपनी गॉडफ्रे फिलिप्स में अनियमितता का आरोप लगाते हुए इसकी एसएफआईओ, सेबी से जांच की मांग की है. 

गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया का मालिकाना हक रखने वाले केके मोदी ग्रुप में पारिवारिक विवाद पिछले साल से चल रहा है, लेकिन अब यह काफी बढ़ता दिख रहा है. गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया देश की दूसरी सबसे बड़ी टोबैको कंपनी है.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इस कंपनी के निदेशक और ललित मोदी के बेटे रुचिर मोदी ने कंपनी संचालन में गंभीर खामियों समेत अन्य दिक्कतों का आरोप लगाते हुए कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय से एसएफआईओ व सेबी जांच कराने की मांग की है.

क्या है विवाद 

गौरतलब है​ कि केके मोदी के दो नवंबर 2019 को गुजरने के बाद उनके बेटे ललित मोदी ने अपने पिता द्वारा तैयार ट्रस्ट डीड की शर्तों के अनुसार पारिवारिक संपत्ति को बेचने का प्रयास किया था. 

 इसे देखें: आजतक LIVE TV 

इस डीड में कहा गया है कि यदि कंपनी संचालन के किसी मसले पर परिवार व न्यासियों में आपसी सहमति न हो पाती हो तो एक साल के भीतर इसकी संपतियां बेच दी जाएं. इस मामले में ललित की अपनी मां बीना मोदी, भाई समीर और बहन चारू भरतिया के साथ सहमति नहीं बन पायी.

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बीना मोदी अभी गॉडफ्रे फिलिप्स की चेयरपर्सन एवं एमडी हैं. इसके बाद ललित मोदी ने सिंगापुर के मध्यस्थता पंचाट में मामला दायर किया, जहां यह मामला लंबित है. 

क्या कहा रुचिर मोदी ने 

ललित मोदी अभी भगोड़ा घोषित है और लंदन में है. रुचिर मोदी ने कहा, 'हमने कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को एक एसएफआईओ (गंभीर जालसाजी जांच कार्यालय) द्वारा जांच की मांग करते हुए लिखा है कि कंपनी के संचालन में गंभीर अनियमितताएं हैं.' 

उन्होंने कंपनी में सूचीबद्धता मानदंडों और कंपनी संचालन की अन्य कमियों के लिये बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) से जांच की भी मांग की. 

रुचिर ने मंत्रालय, एसएफआईओ, सेबी और इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया को पत्र भेजे हैं. एक पत्र में वह बताते हैं कि उनकी दादी बीना सार्वजनिक शेयरधारकों द्वारा बाहर किये जाने के बावजूद कंपनी की चेयरपर्सन एवं एमडी बनी हुई हैं. 

 

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