मार्च महीने के दौरान रिटेल महंगाई दर में गिरावट आई है. शुक्रवार को सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़े के मुताबिक, मार्च में भारत की खुदरा महंगाई (Retail Inflation) सालाना आधार पर 3.34% तक कम हो गई है. फरवरी में महंगाई सात महीने के निचले स्तर 3.61% पर आ गई थी, जो साल-दर-साल आधार पर सबसे कम थी. अब मार्च में उससे भी कम महंगाई रही है. जिसका मुख्य कारण खाने-पीने की चीजों की कीमतों में कमी है.
3 से 8 अप्रैल तक 40 अर्थशास्त्रियों के बीच किए गए रॉयटर्स पोल ने अनुमान लगाया था कि मार्च में महंगाई लगभग 3.60% रहेगी, जो पिछले महीने से बहुत कम या कोई बदलाव नहीं है. खुदरा महंगाई न केवल भारतीय रिजर्व बैंक के 2-6% के सहनीय दायरे के भीतर रही, बल्कि आदर्श 4% महंगाई दर की सीमा से भी नीचे है.
5 साल में सबसे कम रही महंगाई
मार्च 2025 के महीने के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) बेस साल-दर-साल महंगाई दर मार्च 2024 की तुलना में 3.34% है. फरवरी, 2025 की तुलना में मार्च, 2025 की महंगाई में 27 आधार अंकों की गिरावट है. यह अगस्त, 2019 के बाद सबसे कम साल दर साल महंगाई है यानी लगभग 5 साल में सबसे कम महंगाई मार्च में रही है.
खाने-पीने की चीजें हुईं सस्ती
खाद्य महंगाई, जो उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) बास्केट का लगभग आधा हिस्सा है, फरवरी में 3.75% की तुलना में मार्च में धीमी होकर 2.69% हो गई है. रसोई के खास चीजों के मामले में सब्जियों की महंगाई फरवरी की तुलना में मार्च में 7.04% कम हुई. अनाज और दालों के लिए महंगाई में 2.73% की कमी आई है.
इस बीच, महीने के दौरान ईंधन की महंगाई 1.48% दर्ज की गई है. ग्रामीण क्षेत्रों के लिए महंगाई फरवरी में 3.79% से घटकर मार्च में 3.25% हो गई, जबकि शहरी महंगाई एक महीने पहले 3.32% की तुलना में घटकर 2.48% हो गई.
थोक महंगाई दर में भी आई गिरावट
मार्च महीने के लिए होलसेल महंगाई दर (WPI) के आंकड़े भी राहत भरे रहे हैं. मार्च में WPI घटकर 2.05% पर आ गई, जो फरवरी में 2.38% थी. इसका मतलब है कि थोक स्तर पर महंगाई में कुछ नरमी देखने को मिली है, जो उद्योगों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए अच्छी खबर है. बता दें कि होलसेल महंगाई 6 महीने के निचले स्तर पर आ गई है.