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अमेरिका, चीन और यूरोप अब पुरानी बात... भारत लाएगा बड़ा चेंज, NSE सीईओ ने समझाया!

आशीष चौहान ने निवेशकों को सलाह देते हुए कहा कि अगर आप एक्‍सपर्ट नहीं है तो आपको डे ट्रेडिंग और डेरेवेटिव मार्केट से बचना चाहिए. डेरेवेटिव और डे ट्रेडिंग से नुकसान ही होता है.

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नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज के सीईओ आशीष चौहान (Photo: ITG)
नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज के सीईओ आशीष चौहान (Photo: ITG)

इंडिया टुडे कॉन्‍क्‍लेव मुंबई पर बोलते हुए नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज के CEO आशीष चौहान ने कहा कि अमेरिका, चीन, जापान और यूरोप अपने ओल्‍ड कंट्री बन चुके हैं, जबकि भारत नेक्‍स्‍ट 40 से 50 साल तक यंग रहने वाला है. भारत की वजह से दुनिया में बड़ा चेंज आ सकता है. 

उन्‍होंने कहा कि ओल्‍ड कंट्री में डिमांड कम होती है. साथ ही उनके साथ वित्तीय घाटा, क्रेडिट रेशियो भी बढ़ता है. वे नए टेक्‍नोलॉजी की तरफ कम शिफ्ट होते हैं, जबकि यंग कंट्री में डिमांड, वेल्‍थ क्रिएशन की क्षमता तेजी से बढ़ती है. साथ ही यंग कंट्री पुरानी टेक्‍नोलॉजी से नए टेक्‍नोलॉजी की ओर तेजी से शिफ्ट होता है, जिससे वह देश तेजी से ग्रो करता है, ज्‍यादा वेल्‍थ क्रिएट होता है. नई सोच से लोगा ज्‍यादा रिच होते हैं. उन्‍होंने कहा कि भारत के अलावा, बांग्‍लादेश और पाकिस्‍तान भी यंग कंट्री हैं, लेकिन वे पीछे की तरफ जा रहे हैं. वहीं भारत आगे बढ़ रहा है, जो बड़ा बदलाव ला सकता है. 

मार्केट पर बोलते हुए उन्‍होंने कहा कि 11 साल में भारतीय बाजार में निवेशक 7 गुना से भी ज्‍यादा बढ़ चुके हैं और इसी हिसाब से वेल्‍थ भी बढ़ी है. हम अब एक आत्‍मनिर्भर शेयर बाजार की तरफ बढ़ चुके हैं. उन्‍होंने विदेशी निवेशकों की निकासी को लेकर कहा कि अक्‍सर हमने देखा है कि मार्केट में अप एंड डाउन आते रहे हैं और विदेशी निवेशकों ने पैसे कई महीनों तक निकाले हैं. कई बार वे भी गलत समय पर निवेश या निकासी करते हैं. लेकिन भारतीय बाजार ने पॉजिटिव रिटर्न ही दिया है. 

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डे ट्रेडिंग और डेरेवेटिव मार्केट से बचें 
आशीष चौहान ने कहा कि निवेशक डे ट्रेडिंग पर ज्‍यादा फोकस कर रहे हैं, जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए. डेरेवेटिव और डे ट्रेडिंग से नुकसान ही होता है. जबतक आप इन सेक्‍टर्स के एक्‍सपर्ट नहीं हैं और धैर्य नहीं बनाकर रखते हैं, तबतक आपको इसमें नहीं कूदना चाहिए. 

कैसे भारतीय मार्केट ने आया बदलाव?  
11 साल के नंबर देखें तो पहले 1.50 करोड़ लोग निवेश करते थे और अब 12 करोड़ लोग निवेश कर रहे हैं. यूपीआई का ट्रांजेक्‍शन भी तेजी से बढ़ा है. हम ज्‍यादा लार्जर बनते जा रहे हैं. मार्केट ने 35 साल में बहुत अप एंड डाउन देखा है. भारतीय बाजार में गिरावट के बाद भी हर साल 7 से 8 फीसदी का रिटर्न दिया है, जबकि इंडेक्‍स ने 30 साल में 25 फीसदी रिटर्न दिया है. नेक्‍स्‍ट 30 साल में 7 से 5 फीसदी ग्रोथ सोच रहे हैं तो यह बहुत कम होने वाला है. भारतीय मार्केट और तेजी से बढ़ेगा. 

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