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गांव में रहते हैं... साइकिल पर चलते हैं, 5 अरब डॉलर नेटवर्थ, ये हैं Arattai के फाउंडर श्रीधर वेम्बू

Sridhar Vembu Net Worth: स्वदेशी इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप Arattai को बनाने वाले श्रीधर वेम्बू अपनी साधारण लाइफ स्टाइल के लिए चर्चा में रहते हैं. उन्हें 2024 में फोर्ब्स की टॉप-100 इंडियन बिलेनियर्स लिस्ट में 51वें पायदान पर रखा गया था.

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देश के सबसे अमीरों की लिस्ट में शामिल श्रीधर वेम्बू एंड फैमिली (Photo: ITG)
देश के सबसे अमीरों की लिस्ट में शामिल श्रीधर वेम्बू एंड फैमिली (Photo: ITG)

देश में इस समय स्वदेशी मैसेजिंग ऐप Arattai की खूब चर्चा हो रही है. WhatsApp जैसे फीचर्स वाले इस इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप ने App Store में टॉप पर जगह बना ली है. इसे बनाने वाली कंपनी जोहो कॉर्पोरेशन है, जिसके फाउंडर श्रीधर वेम्बू अपने सादा जीवन को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं. वहीं नेटवर्थ की बात करें, तो वेम्बू फैमिली देश के सबसे अमीरों में शामिल है और फोर्ब्स की 2024 इंडिया टॉप-100 बिलेनियर्स लिस्ट में वे 51वें पायदान पर थे. आइए जानते हैं उनकी नेटवर्थ के बारे में... 

IIT से पढ़ाई, US में नौकरी
श्रीधर वेम्बू अपने इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप Arattai को लेकर सुर्खियों में हैं, उनकी सक्सेस स्टोरी पर नजर डालें तो उन्होंने आईआईटी मद्रास से पढ़ाई की है. यहां से 1989 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने 1994 में अमेरिका के न्यू जर्सी स्थित प्रिंसटन विश्वविद्यालय से पीएचडी पूरी की. इसके बाद शुरुआत में उन्होंने अमेरिका में नौकरी तलाशनी शुरू कर दी और क्वालकॉम में सिस्टम डिजाइन इंजीनियर के रूप में अपना पेशेवर करियर शुरू किया. 

हालांकि, उनका मन ज्यादा समय तक नौकरी में नहीं लगा और उन्होंने वापस भारत लौटने का फैसला कर लिया. देश वापस आने पर वे दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों का रुख नहीं किया, बल्कि तमिलनाडु के तेनकाशी के एक छोटे से गांव में आए और अपनी कंपनी खोलने का फैसला किया.

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ऐसे पड़ी जोहो की नींव
90 के दशक में दो पारिवारिक सदस्यों और तीन दोस्तों के साथ मिलकर एडवांट नेट की शुरुआत की, जो आगे चलकर Zoho Corp में बदल गई और इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. कंपनी का कारोबार तेजी से आगे बढ़ता गया और इसका असर श्रीधर वेम्बू की नेटवर्थ पर दिखा और वे देश के सबसे अमीरों की लिस्ट में शामिल हो गए. उन्होंने 2004 में जोहो विश्वविद्यालय की स्थापना भी की, जिसे अब जोहो स्कूल्स ऑफ लर्निंग के नाम से भी जाना जाता है.

Zoho (Photo: GettyImage)

नॉन लिस्टेड कंपनियों में टॉप में शामिल
बीते साल फरवरी 2024 में जारी बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया-500 रिपोर्ट के मुताबिक, जोहो कॉर्पोरेशन देश की नॉन लिस्टेड कंपनियों की लिस्ट में तेजी से आगे बढ़ने वाली फर्मों में शामिल रही. Zoho ने 1.04 लाख करोड़ रुपये के मूल्यांकन के साथ ऐसी कंपनियों की लिस्ट में तीसरा स्थान हासिल किया था. जोहो का FY23 में कंसोलिडेटड रेवेन्यू 8,703 करोड़ रुपये रहा था. ये इसलिए भी खास था, क्योंकि उस समय दुनिया भर में सॉफ्टवेयर बिजनेस की डिमांज मंदी का सामना कर रहा था.

अमीरों की लिस्ट में शामिल होते हुए भी श्रीधर वेम्बू का सादा जीवन सुर्खियों में रहता है. दरअसल, वे तमिलनाडु के तंजावुर में रहते हैं और अक्सर लोकल ट्रिप साइकिल के जरिए करते हैं, जो उनकी अरबों की संपत्ति के बावजूद उनका साधारण लाइफस्टाइल को प्रदर्शित करता है.

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कितनी है श्रीधर वेम्बू की नेटवर्थ? 
संपत्ति की बात करें, तो श्रीधर वेम्बू एंड फैमिली बीते साल 2024 की Forbe's Top-100 Indian Billionaire लिस्ट में शामिल था. उस समय उनकी नेटवर्थ 5.8 अरब डॉलर बताई गई थी. अरबपतियों की फोर्ब्स लिस्ट पर नजर डालें, तो 2018 में श्रीधर वेम्बू एंड फैमिली की संपत्ति 1.6 अरब डॉलर थी, जो साल-दर-साल बढ़ते हुए 2024 में 5 अरब डॉलर के पार निकल गई. श्रीधर के साथ जोहो की शुरुआत करने वालीं राधा वेम्बू भारत की टॉप अमीर महिला अरबपतियों में शामिल हैं और 3.2 अरब की संपत्ति रखती हैं.  

Zoho Founder (Photo: ITG)

कब आएगा Zoho का आईपीओ? 
Arattai की सफलता के बाद जोहो आईपीओ के लेकर चल रही अटकलों पर को-फाउंडर श्रीधर वेम्बू ने तस्वीर साफ की. उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि सॉफ्टवेयर क्षेत्र की ये दिग्गज कंपनी शेयर बाजारों में लिस्टेड होने के लिए किसी भी जल्दबाजी के मूड में नहीं है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी एक पोस्ट में लिखा, Zoho की कुछ प्रमुख परियोजनाएं जैसे अराटाई सार्वजनिक कंपनियों द्वारा सामना किए जाने वाले वित्तीय दबावों के तहत कभी नहीं बनाई जा सकती थीं.

उन्होंने कहा कि जोहो एक तरह की औद्योगिक अनुसंधान प्रयोगशाला है, जो अपने लिए धन भी जुटाती है. हम शॉर्ट दर्म बेनेफिट्स को नजरअंदाज कर देते हैं, जब तक कि हमें नुकसान न हो.

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