बिहार में चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के पुनरीक्षण की घोषणा के बाद दस्तावेजों को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं. चर्चा के दौरान यह सवाल उठा कि क्या यह कदम हार के डर से उठाया जा रहा है. विपक्षी दलों ने संवैधानिक संस्थाओं पर सवाल उठाने के आरोपों का सामना किया. एक पक्ष ने कहा कि देश के लोकतंत्र को कमजोर नहीं करना चाहिए और रोहिंग्या जैसे विदेशी लोगों के गलत तरीके से वोटर बनने पर पुनः निरीक्षण होना चाहिए, खासकर बंगाल, झारखंड और सीमांचल जैसे राज्यों में.