बिहार में चुनाव आयोग ने हर वोटर की पात्रता के भौतिक सत्यापन के निर्देश दिए हैं. एक नेता ने इस प्रक्रिया को कानूनी रूप से संदिग्ध बताया है और कहा है कि यह गरीबों, वंचितों और शोषितों के मतों का अधिकार छीनने का प्रयास है. सत्ता पक्ष के नेताओं ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए इसे एक सामान्य चुनावी प्रक्रिया कहा है.