प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान पर कि "बिना खर्चे के बिना पर्चे के जॉब्स मिल रहे हैं", रोजगार के मुद्दे पर तीखी बहस छिड़ गई है. एक पक्ष का कहना है कि प्रधानमंत्री ने हर साल 2 करोड़ नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन 51,000 नियुक्ति पत्र देकर इसे बड़ी उपलब्धि बताया जा रहा है. यह भी सवाल उठाया गया कि प्रधानमंत्री ने आईएलओ के जिस डेटा को कोट किया, उसी आईएलओ ने पहले यह भी बताया था कि 15 से 29 साल के 83% युवा बेरोजगार हैं.