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बिहार में सड़क पर बह गया युवाओं का सपना, पुलिस भर्ती की तैयारी कर रहे दोस्तों की दर्दनाक मौत

रोहतास के समहुता में पुलिस भर्ती की तैयारी कर रहे दो युवक आशीष कुमार और रंजन यादव को दौड़ के दौरान तेज रफ्तार ट्रक ने कुचल दिया. आशीष की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि रंजन ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. घटना से आक्रोशित लोगों ने डेहरी–रोहतास रास्ते पर जाम लगा दिया. पुलिस ने शव पोस्टमार्टम को भेजकर जांच शुरू कर दी है.

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जाम लगाए लोगाें को समझाते पुलिस अधिकारी (Photo ITG)
जाम लगाए लोगाें को समझाते पुलिस अधिकारी (Photo ITG)

बिहार के सासाराम से एक बेहद दर्दनाक और झकझोर देने वाली खबर सामने आई है. रोहतास थाना क्षेत्र के समहुता गांव के पास सुबह उस वक्त मातम पसर गया, जब पुलिस भर्ती की तैयारी में जुटे दो युवकों को तेज रफ्तार ट्रक ने रौंद दिया. हादसे में एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरे ने इलाज के लिए ले जाते समय दम तोड़ दिया. इस हादसे ने न सिर्फ दो घरों के चिराग बुझा दिए, बल्कि पूरे इलाके को गुस्से और गम में डुबो दिया.

मृतकों की पहचान आशीष कुमार और रंजन यादव के रूप में हुई है. आशीष कुमार काराकाट थाना क्षेत्र के मुंजी गांव का रहने वाला था, जबकि रंजन यादव समहुता गांव का निवासी था. दोनों युवक आपस में अच्छे दोस्त थे और लंबे समय से पुलिस व सेना भर्ती की तैयारी कर रहे थे. रोज की तरह मंगलवार सुबह भी वे सड़क किनारे दौड़ लगाने निकले थे, ताकि शारीरिक दक्षता परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकें. लेकिन किसे पता था कि यही दौड़ उनकी जिंदगी की आखिरी दौड़ साबित होगी.

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक सुबह के समय इलाके में हल्की धुंध छाई हुई थी. इसी दौरान डेहरी-रोहतास पथ पर एक अनियंत्रित ट्रक तेज रफ्तार में आया और सड़क किनारे दौड़ रहे दोनों युवकों को कुचलते हुए निकल गया. टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि आशीष कुमार ने मौके पर ही दम तोड़ दिया. वहीं गंभीर रूप से घायल रंजन यादव को आनन-फानन में इलाज के लिए वाराणसी ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उसने भी दम तोड़ दिया.

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हादसे की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया. दोनों युवकों के घरों में मातम पसर गया. रोते-बिलखते परिजन बार-बार यही सवाल करते नजर आए कि आखिर उनके बच्चों की क्या गलती थी. बताया जाता है कि दोनों मृतकों के पिता बंजारी स्थित सीमेंट फैक्ट्री में मजदूरी करते हैं. सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने अपने बेटों के सपनों को पंख देने की कोशिश की थी. परिवार को उम्मीद थी कि बेटा वर्दी पहनकर घर का सहारा बनेगा, लेकिन एक हादसे ने सब कुछ छीन लिया.

घटना के बाद इलाके में आक्रोश फैल गया. गुस्साए ग्रामीणों और परिजनों ने डेहरी-रोहतास पथ को समहुता के पास जाम कर दिया. सड़क पर शव रखकर लोग मुआवजे और दोषी ट्रक चालक की गिरफ्तारी की मांग करने लगे. देखते ही देखते सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं. राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा, लेकिन लोगों का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा था. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस सड़क पर आए दिन भारी वाहनों की तेज रफ्तार के कारण हादसे होते रहते हैं. सुबह-सुबह बड़ी संख्या में युवा सेना और पुलिस भर्ती की तैयारी के लिए इसी मार्ग पर दौड़ लगाते हैं, लेकिन सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं. न तो सड़क किनारे कोई चेतावनी संकेत हैं और न ही गति नियंत्रित करने के उपाय. लोगों का आरोप है कि प्रशासन की लापरवाही के चलते ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं.

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सूचना मिलने पर रोहतास थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को समझाने-बुझाने की कोशिश की. काफी मशक्कत के बाद जाम हटवाया गया. पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सासाराम सदर अस्पताल भेज दिया है. वहीं ट्रक चालक की तलाश शुरू कर दी गई है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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