बिहार के मुजफ्फरपुर से पटना के PMCH अस्पताल में रेफर की गई नाबालिग रेप पीड़ित की रविवार को इलाज के दौरान मौत हो गई. हालांकि मौत की घटना के बाद मृत बच्ची के परिजनों द्वारा PMCH पर लापरवाही का आरोप लगाया गया है. इसको लेकर परिजनों ने अस्पताल के बाहर हंगामा भी किया.
वहीं, खबर लगते ही इस घटना के बाद पिरबहोर थाने की पुलिस पीएमसीएच अस्पताल पहुंची और शव को पोस्टमार्टम करवाने के लिए भेजा. कांग्रेस के नेता आदित्य पासवान ने पीएमसीएच के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट को बर्खास्त करने की मांग की. साथ ही स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे से इस्तीफा भी मांगा.
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मृतक बच्ची के चाचा वीरेंद्र पासवान का आरोप है कि बच्ची को 2 घंटे तक एंबुलेंस में लेकर बैठे रहे लेकिन अस्पताल प्रशासन ने बच्ची को एडमिट नहीं किया. अगर समय पर बच्ची को पीएमसीएच में एडमिट कर लिया जाता तो जान बच सकती थी.
मामले में पीएमसीएच ने क्या कहा?
पटना के पीएमसीएच में मुजफ्फरपुर से आई रेप पीड़िता की मौत के बाद PMCH प्रशासन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई दी. PMCH के प्रभारी अधीक्षक डॉ. अभिजीत ने बताया राजापाकर विधायक प्रतिमा दास ने मुझे जानकारी दी. बच्ची जैसे ही एंबुलेंस से पहुंची उसके इलाज की व्यवस्था कराई गई, बच्ची का इलाज skmch में पहले पिक्कू वार्ड में हुआ था.
इसके अलावा बच्ची को ENT की भी समस्या थी. हमारे डॉक्टर ने तुरंत गाड़ी में ही एग्जामिन किया. बच्ची की ENT में पहले चेकअप हुआ, उसके बाद गायनी के आईसीयू में उसे भर्ती कराया गया. उसी वार्ड में सभी विभाग के डॉक्टर बारी-बारी से पहुंचे. गायनी वार्ड में रात भर डॉक्टर इलाज में जुटे रहे. बच्ची के इलाज में कोई लापरवाही नहीं हुई है.